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वन नेशन वन इलेक्शन पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान

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नई दिल्ली. मोदी कैबिनेट वन नेशन वन इलेक्शन बिल को मंजूर कर चुकी है. सोमवार को अर्जुन सिंह मेघवाल बिल को लोकसभा में पेश करेंगे. अगर दोनों सदनों में बिल सहमति से पारित हो गया तो साल 2034 में देश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे. मोदी सरकार के इस बिल पर देश की सियासत गरमाई हुई है.

बिल को 32 दलों ने समर्थन दिया और 15 दलों ने इसका विरोध किया है. विरोधी दल अपने-अपने तरीके से एक देश एक चुनाव बिल पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने इस बिल को लागू करना अप्रभावी और अव्यवहारिक हो सकता है. वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कहते हैं कि अगर मोदी सरकार वन नेशन वन इलेक्शन के लिए इतनी जल्दी में है तो लोकसभा भंग करके चुनाव करवा ले.

एक देश एक चुनाव को छलावा बताया

अखिलेश यादव ने कहा कि एक देश एक चुनाव सही मायनों में अव्यावहारिक ही नहीं अलोकतांत्रिक व्यवस्था भी है, क्योंकि कभी-कभी सरकारें अपनी समयावधि के बीच में भी अस्थिर हो जाती हैं तो क्या वहां की जनता बिना लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व के रहेगी. इसके लिए सांविधानिक रूप से चुनी गई सरकारों को बीच में ही भंग करना होगा, जो जनमत का अपमान होगा. दरअसल एक देश एक चुनाव लोकतंत्र के खिलाफ बहुत बड़ा षड्यंत्र है.

अखिलेश यादव ने कहा कि जो चाहता है कि एक साथ ही पूरे देश पर कब्जा कर लिया जाए. इससे चुनाव एक दिखावटी प्रक्रिया बनकर रह जाएगा. जो सरकार बारिश, पानी, त्योहार के नाम पर चुनाव को टाल देती है, वह एक साथ चुनाव कराने का दावा कैसे कर सकती है? एक देश एक चुनाव एक छलावा है, जिसके मूल कारण में एकाधिकार की अलोकतांत्रिक मंशा काम कर रही है. यह चुनावी व्यवस्था के सामूहिक अपहरण की साजिश है.