Saturday , December 14 2024

हरियाणा में 20 साल से शामलात भूमि पर काबिज लोगों को मिलेगा मालिकाना हक, विधेयक को मिली मंजूरी

[ad_1]

चंडीगढ़ | हरियाणा में गांवों की शामलात भूमि पर 20 साल से मकान निर्माण कर बसने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. ऐसे लोगों को सूबे की नायब सैनी सरकार (Haryana Govt) मालिकाना हक देगी. हालांकि, अधिकतम 500 वर्ग गज तक के मकानों को ही वैध माना जाएगा. इसी तरह 20 साल से शामलात भूमि को पट्टे पर लेकर खेती कर रहे किसानों के नाम जमीन की जा सकेगी. मालिकाना हक के लिए उन्हें बाजार मूल्य के आधार पर जमीन की कीमत अदा करनी होगी.

plot

क्या होती है शामलात भूमि

शामलात भूमि वह होती है जो ग्राम पंचायत या ग्राम समुदाय के उपयोग के लिए आरक्षित होती है और जिसमें कोई निजी स्वामित्व नहीं होता है. ऐसी भूमि को किसान के पक्ष में करने के लिए हरियाणा ग्राम साझी भूमि (विनियमन) अधिनियम 1961 में संशोधन को मंजूरी दी गई है. मूल पट्टेदार, हस्तांतरित व्यक्ति या उनके कानूनी उत्तराधिकारी को स्वामित्व अधिकारों के हस्तांतरण के लिए संबंधित ग्राम पंचायत को एक राशि का भुगतान करना होगा.

शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित

पंचायती जमीन पर काबिज लोगों को मालिकाना हक देने के लिए सोमवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हरियाणा ग्राम शामलात भूमि विनियमन संशोधन विधेयक-2024 पारित कर दिया गया है. इसके साथ ही पंचायती जमीन पर खेती करने या मकान निर्माण के जरिए काबिज लोगों को मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है. अब विवादित जमीनों को वैध रूप से किसानों और ग्रामीणों के नाम किया जा सकेगा.

पूर्व सीएम खट्टर ने लिया था फैसला

पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शामलात भूमि को 20 साल पहले पट्टे पर लेने वाले किसानों को मालिकाना हक देने का फैसला लिया गया था. इसके बाद, उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. फिर 12 जुलाई को सीएम नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पंचायती जमीन पर 31 मार्च 2004 से पहले तक अधिकतम 500 वर्ग तक का घर बना चुके परिवारों के निर्माण वैध करने की मंजूरी दी गई थी. साथ ही, खेती के लिए 20 साल के लिए पट्टे पर दी गई शामलात देह जमीन को शामलात देह के दायरे से बाहर रखने का फैसला लिया गया था.