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हरियाणा में सांसों का संकट जारी, प्रशासन के दावों पर प्रदूषण पड़ रहा भारी; 14 जिलों में ग्रैप 2 लागू

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चंडीगढ़ | मॉनसून सीजन बीत जाने के बाद हरियाणा में जैसे ही सर्दियों की आहट महसूस हुई, तब से ही प्रदूषण रूपी चादर से आसमान ढका नजर आ रहा है. तमाम दावों और प्रयासों के बावजूद प्रशासन प्रदूषण को रोक पाने में नाकाम साबित हो रहा है. हालाँकि, शनिवार को बहादुरगढ़ जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक 392 से कुछ कम होकर 305 दर्ज किया गया, फिर भी यह लगातार दूसरे दिन भी रेड जोन में रहा और चरखी दादरी में (AQI- 292) भी रेड जोन के लगभग पास ही है. वायु प्रदूषण से बिगड़े हालातो को देखते हुए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सभी जिलों में तैनात अधिकारियों से उनके द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है.

Pollution

14 जिलों में लागू ग्रैप 2

बता दें कि दिल्ली- एनसीआर से जुड़े 14 जिलों में 21 अक्टूबर से ग्रैप 2 लागू किया गया है. हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि एक अक्टूबर से राज्य में विंटर एक्शन प्लान लागू किया गया है. इस दौरान सड़कों की सफाई, निर्माण कार्यों में एंटी स्मोक गन का इस्तेमाल, नियमित रूप से पानी का छिड़काव, सड़कों की मरम्मत आदि के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा खुले में कूड़ा जलाने, होटल आदि में कोयले और लकड़ी के प्रयोग पर भी बैन लगाया गया है.

टॉप 50 प्रदूषित शहरों में हरियाणा के 12 शामिल

वर्तमान में देश भर के 50 शहर ऐसे हैं जिनका एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से 300 के बीच दर्ज किया गया है. हरियाणा प्रदेश के 12 जिले इस लिस्ट में शामिल है. इस लिस्ट के हिसाब से सबसे ज्यादा AQI चरखी दादरी का है, इसके अलावा भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, रोहतक, सोनीपत और यमुनानगर का AQI भी 200 से ऊपर दर्ज किया जा रहा है.