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चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ग्रुप सी और ग्रुप डी के लिए होने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टैस्ट (CET) रजिस्ट्रेशन में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को वंचित अनुसूचित जातियां (डीएससी) और अन्य अनुसूचित जातियां (ओएससी) कैटेगरी अपडेट करने का मौका देने जा रही है. प्रदेश सरकार (Haryana Govt) कभी भी इस बारे प्रशासनिक सचिवों को निर्देशित कर सकती है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अनुसूचित जाति के आरक्षण को दो वर्गों में पहले ही बांटने की स्वीकृति मिल चुकी है.
OTR में मिलेगा अनुसूचित जाति की केटेगरी को अपडेट करने का मौका
अब इसके संबंध में निर्देश जारी होने हैं. चूंकि यह आरक्षण सभी कैटेगरी के पदों के लिए लागू होगा इसलिए किसी भी एजेंसी की ओर से होने वाली भर्तियों में यह लागू रहेगा. ग्रुप C और D की भर्तियां CET के माध्यम से की जाती है. इसका आयोजन हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) करता है. इसके लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) पहले से ही हो चुका है और आगे भी करवाया जाएगा. ऐसे में वन टाइम रजिस्ट्रेशन में जो उम्मीदवार पहले से रजिस्टर्ड हैं, उन्हें अपनी अनुसूचित जाति की केटेगरी को डीएससी या ओएससी में अपडेट करने का अवसर दिया जाएगा. जो नए सिरे से रजिस्ट्रेशन करेंगे, उनके लिए पोर्टल पर यह ऑप्शन पहले से ही उपलब्ध होगा.
अनुसूचित जाति से संबंधित पद दो श्रेणियां में होंगे वर्गीकृत
सभी विभाग, बोर्ड, निगम या अन्य संस्थाएं अनुसूचित जाति से संबंधित पदों को दो श्रेणियों यानी वंचित अनुसूचित जातियां (डीएससी) और अन्य अनुसूचित जातियां (ओएससी) में उप- वगीकृत करेंगे. वंचित अनुसूचित जातियों में करीबन 38 अनुसूचित जातियां और अन्य अनुसूचित जातियों में करीबन 15 अनुसूचित जातियां शामिल होंगी. सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित मौजूदा 20 फीसदी कोटे में से आधे पद वंचित अनुसूचित की जातियों के उम्मीदवारों के लिए रिज़र्व रहेंगे.
अगर वंचित अनुसूचित जातियों के उपयुक्त उम्मीदवार मौजूद नहीं होंगे, तो शेष खाली पदों पर अन्य अनुसूचित जातियों के उपयुक्त उम्मीदवारों होने की भर्ती की जा सकती है. अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित कोटे का आधा भाग अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया जाएगा. अगर और केवल अगर अन्य अनुसूचित जातियों (ओएससी) के उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, तो वंचित अनुसूचित जातियों (डीएससी) के उपयुक्त उम्मीदवारों को बचे हुए खाली पदों पर भर्ती किया जा सकता है.
संयुक्त रूप से बनेगी मेरिट लिस्ट
अनुसूचित जाति की रिज़र्व सीटें भले ही डीएससी और एससी के बीच आधी- आधी बंटेंगी और उन पर सिलेक्शन भी इसी प्रकार होगा, लेकिन मेरिट लिस्ट संयुक्त रूप से बनेगी. यानी उनकी वरिष्ठता मेरिट में प्राप्त अंकों के आधार पर निर्धारित की जाएगी. उदाहरण के लिए अगर क उम्मीदवार डीएससी है और मेरिट में उसके 50 अंक हैं, जबकि ब उम्मीदवार ओएससी है. मेरिट में उसके अंक 51 हैं तो वरिष्ठता ब उम्मीदवार को मिलेगी. वर्तमान रोस्टर प्रणाली के अंतर्गत प्रत्येक उप- श्रेणी के लिए अलग- अलग रोस्टर प्वाइंट निर्धारित करना जरूरी नहीं होगा.
अगर किसी स्पेशल मौके पर अनुसूचित जातियों के लिए खाली पदों (कैडर) की कुल संख्या विषम है, यानी 1, 3, 5, 7, 9 है, तो आधे पद सबसे पहले डीएससी कैटेगरी के लिए होंगे. जैसे यदि कुल पद 9 हैं तो इनमें से 5 पद वंचित अनुसूचित जातियों (डीएससी) और 4 पद अन्य अनुसूचित जातियों (ओएससी) को मिलेंगे. अगली बार 9 पद होने पर 4 पद वंचित अनुसुचित जातियों (डीएससी) को और 5 पद अन्य अनुसूचित जातियों (ओएससी) को दिए जायेंगे.