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पंजाब उपचुनाव: डेरा बाबा नानक में कांग्रेस की बादशाहत बड़ी चुनौती

पंजाब विधानसभा की चार सीटों पर 20 नवंबर को होने वाली मतदान के लिए स्टेज सज गई है। डेरा बाबा नानक सीट पर भी मुकाबला रौचक हो गया है, क्योंकि तीन प्रमुख दलों आम आदमी पार्टी, कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रचार तेज कर दिया है। इस सीट पर कांग्रेस की बादशाहत को खत्म करना आम आदमी पार्टी व भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। यहां वर्ष 1951 से लेकर 2022 तक 14 चुनाव हो चुके है, जिसमें से 9 बार कांग्रेस ने अपना परचम लहराया है। इसी तरह पिछले तीन चुनावों से कांग्रेस की टिकट पर सुखजिंदर सिंह रंधावा यहां से जीत दर्ज करते रहे हैं। अब कांग्रेस ने उनकी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा है।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से सुखजिंदर रंधावा के गुरदासपुर सीट पर जीत दर्ज करने के बाद ही यह सीट खाली हुई थी। रंधावा वर्ष 2012 लेकर 2022 तक लगातार तीन चुनावों में डेरा बाबा नानक से जीत दर्ज करते रहे हैं। यहां उनका वोट शेयर और जीत का अंतर कम जरुर हुआ है, लेकिन तीन चुनावों से वह इस सीट को कांग्रेस की झोली में डालने में सफल रहे हैं। सुखजिंदर रंधावा ने वर्ष 2012 के चुनाव में जहां 50.22 प्रतिशत वोट हासिल करके जीत हासिल की थी, वहीं वर्ष 2017 में उनका वोट प्रतिशत कम होकर 42.83 प्रतिशत हो गया।

वर्ष 2012 में इसमें और गिरावट देखने को मिली और वोट प्रतिशत गिरकर 36.70 पर पहुंच गया। इस गिरते वोट प्रतिशत को भुनाने की आप व भाजपा पूरा प्रयास करेगी और यह बात कांग्रेस के लिए भी चिंता का सबब बनी हुई है। इस बार शिरोमणि अकाली दल भी रेस से बाहर हो गया है, जिसके चलते तीनों पार्टियों की उसके वोट बैंक पर भी नजर है। कांग्रेस ने इस बार सांसद सुखजिंदर रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर को चुनाव मैदान में उतारा है, इसलिए सांसद रंधावा के लिए भी यह चुनाव साख का सवाल बन गया है। भाजपा ने यहां से अकाली नेता निर्मल सिंह काहलों के बेटे रविकरण काहलों को चुनाव मैदान में उतारा है।

वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव में काहलों इसी सीट पर सुखजिंदर रंधावा से मात्र 466 मतों से हार गए थे। तब वह अकाली दल की टिकट पर चुनाव में उतरे थे। अकाली दल इस बार उप चुनाव नहीं लड़ रही है। भाजपा का दावा है कि इस पूरे राजनीतिक समीकरण से यहां उसको फायदा होगा। हालांकि त्रिकोणीय मुकाबला होने के चलते किसी भी दल के लिए यह चुनाव इतना आसान नहीं होने वाला है।

आप ने गुरदीप रंधावा पर खेला दांव, सीएम मान खुद कर रहे प्रचार
इसी तरह आप ने इस सीट से गुरदीप रंधावा को दोबारा टिकट दी है, जिन्होंने वर्ष 2022 चुनाव भी आप की टिकट पर ही लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। तब गुरदीप रंधावा को 22.2 प्रतिशत वोट पड़े थे। सीएम भगवंत मान ने खुद उनके चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रखा है। वह पिछले कल कलानौर में रैली को भी संबोधित कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेताओं व केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला था। इसी तरह से कांग्रेस से सुखजिंदर रंधावा ने खुद अपनी पत्नी जतिंदर कौर के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है। जबकि भाजपा ने भी डेरा बाबा नानक में अपना प्रचार तेज कर दिया है।

पंजाब में चार सीटों पर उपचुनाव अब 20 नवंबर को

पंजाब में चार सीटों पर उपचुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीख की बदल दी है। भारत निर्वाचन आयोग के नए आदेश के मुताबिक डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा और बरनाला सीट पर उप चुनाव को लेकर मतदान की तारीख 20 नवंबर तय हो गई है, पहले 13 नवंबर को चुनाव होने थे। छठ और गुरुपर्व के अलावा अन्य कारणों के चलते उपचुनाव की तारीखों में बदलाव किए गए हैं। पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने बताया कि चुनाव के नतीजे के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 23 नवंबर को चारों सीटों पर उप चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।

चारों सीटों की स्थिति
मुख्य चुनाव अधिकारी सिबिन सी ने बताया कि उपचुनाव वाले चार विधानसभा क्षेत्रों में 10 अक्टूबर 2024 तक कुल मतदाताओं की संख्या 6 लाख 96 हजार 316 है और कुल 831 मतदान केंद्र हैं। उन्होंने बताया कि 10-डेरा बाबा नानक में कुल मतदाता 1 लाख 93 हजार 268 हैं। यहां 241 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसी प्रकार 44-चब्बेवाल (एससी) विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 59 हजार 254 है और यहां कुल 205 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 1 लाख 66 हजार 489 हैं। यहां कुल 173 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। वहीं, 103-बरनाला विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 1 लाख 77 हजार 305 है और 212 मतदान केंद्र हैं।