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चंडीगढ़ | हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नई सरकार के शपथग्रहण समारोह को 3 सप्ताह से ज्यादा का समय बीत चुका है. वहीं, दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार झेलने वाली कांग्रेस पार्टी अभी तक विधायक दल के नेता का चयन नहीं कर पाई है. कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के आब्जर्वर विधायकों से मिलकर फीडबैक भी ले चुके हैं.
दिवाली के बाद शीतकालीन सत्र
दिवाली के बाद कभी भी हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाया जा सकता है. दूसरी ओर चर्चाएं हो रही है कि कांग्रेस में गुटबाजी के चलते विधायक दल का नेता चयनित करने में देरी हो रही है. पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा फिर से विधायक दल का नेता बनने की उम्मीद लगाए बैठे हैं क्योंकि ज्यादातर विधायकों का उन्हें समर्थन प्राप्त है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित हार के बाद कांग्रेस में बड़े बदलाव की मांग उठ रही है. अगर कांग्रेस भुपेंद्र हुड्डा को आगे नहीं करती है तो उनके गुट से अशोक अरोड़ा को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है. वहीं, कुमारी शैलजा गुट विधायक दल के नेता के रूप में किसी नए चेहरे को देखना चाहते हैं. ऐसे में शैलजा ने चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया है.
क्या कहते है राजनीतिक विश्लेषक?
राजनीतिक विश्लेषक धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि कांग्रेस के विधायक दल का नेता पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा होंगे या कोई और इसको लेकर 50-50 वाली स्थिति है. पार्टी के भीतर बड़े स्तर पर बदलाव की मांग उठ रही है. उन्होंने कहा कि अगर 15 नवंबर से पहले विधानसभा सत्र बुलाया जाता है, तो हो सकता है पार्टी विधायक दल के नेता का नाम घोषित कर दे. अगर सत्र नहीं होता है, तो इसका फैसला महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव के बाद भी हो सकता है.