रोहतक | साध्वी यौन शोषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा प्रमुख राम रहीम (Ram Rahim)ने एक बार विधानसभा चुनावों से पहले 20 दिन की पैरोल के लिए अर्जी दाखिल कर दी है. चुनाव आयोग को यह अर्जी भेजी गई. राम रहीम से आयोग ने जेल से बाहर आने का कारण पूछते हुए जेल विभाग से स्पष्टीकरण माँगा है. वहीं, दूसरी तरफ जानकारी का मानना है कि राम रहीम की अर्जी से चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं है.
13 अगस्त को मिली थी 21 दिन की पैरोल
इससे पहले 13 अगस्त को राम रहीम 21 दिन की पैरोल पर बाहर आया था और 2 सितंबर को वापस जेल पहुंच गया था. डेरा मुखी द्वारा अब 27 दिन बाद फिर से पैरोल मांगने पर चुनाव आयोग ने उसकी अर्जी पर सवाल उठाए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए डेरा मुखी जेल से बाहर आता है. बता दें कि डेरा मुखी को साध्वियों के साथ बलात्कार मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई है. साल 2017 से लेकर अब तक 10 बार कुल 255 दिनों के लिए जेल से बाहर आ चुका है.
जेल विभाग से माँगा स्पस्टीकरण
अब राम रहीम की इस पैरोल अर्जी पर जेल विभाग से स्पष्टीकरण मांगा गया है. साल 2019 में चुनाव आयोग द्वारा राज्यों को हिदायत देते हुए बताया गया था कि केवल आपातकालीन मामलों में पैरोल दी जा सकती है. वह भी इस परिस्थिति में कि बाहर आने वाला किसी चुनावी गतिविधि में शामिल न हो. इस बारे में डेरा मुखी के प्रवक्ता ने बताया है कि वह कानूनन पैरोल के हकदार हैं और केवल चुनावों के लिए जेल से बाहर नहीं आना चाहते. अगर समय पर पैरोल का उपयोग नहीं हुआ, तो यह समाप्त हो जाएगी.
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