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हरियाणा में चुनाव से पहले ED ने दबिश, कांग्रेस नेता भूपेन्द्रसिंह हुड्डा से जुड़ी करोड़ों रुपए की सम्पत्ति जब्त

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हरियाणा. चुनाव से पहले हरियाणा में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इन्ट्री मार दी है. ED की टीम ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, ईएमएएआर  व  एमजीएफ डेवलपमेंट्स लिमिटेड सहित अन्य आरोपियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 834 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. संपत्तियां गुरुग्राम व दिल्ली के 20 गांवों में स्थित हैं. मामले में आरोप लगाया गया है कि ईएमएएआर-एमजीएफ ने हुडा व  निदेशक डीटीसीपी त्रिलोक चंद गुप्ता की मिलीभगत से कम कीमत पर जमीन का अधिग्रहण किया. जिसके परिणामस्वरूप जनता और सरकार दोनों को काफी नुकसान हुआ.

संघीय एजेंसी ने कुल 401.65479 एकड़ की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से संलग्न किया है. जिसका मूल्यांकन मेसर्स ईएमएएआर इंडिया लिमिटेड के लिए 501.13 करोड़ रुपए व मेसर्स एमजीएफ डेवलपमेंट्स लिमिटेड के लिए 332.69 करोड़ रुपए है. ये संपत्तियां हरियाणा के गुरुग्राम जिले और दिल्ली के 20 गांवों में स्थित हैं. जांच गुडग़ांव के सेक्टर 65 व  66 में एक प्लॉट कॉलोनी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर केंद्रित है. जिसमें दोनों कंपनियां शामिल हैं. ईडी ने आईपीसीए 1860 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियमए 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)  द्वारा दायर एक एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की. एफआईआर में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, डीटीसीपी के तत्कालीन निदेशक त्रिलोक चंद गुप्ता और मेसर्स ईएमएएआर एमजीएफ लैंड लिमिटेड के साथ-साथ 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों का नाम शामिल है.

यह मामला ज़मीन मालिकों, जनता व हरियाणा/हुडा राज्य को धोखा देने के आरोपों पर केंद्रित है. आरोपियों पर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा 4 के तहत अधिसूचना जारी करने और अधिसूचना से पहले प्रचलित बाजार दरों की तुलना में काफी कम कीमतों पर भूमि अधिग्रहण करने के लिए अधिनियम की धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी करने का आरोप है. उन पर अधिग्रहित भूमि के लिए धोखाधड़ी से आशय पत्र (एलओआई) या लाइसेंस प्राप्त करने, भूस्वामियों व राज्य को वित्तीय नुकसान पहुंचाने और अपने लिए गलत लाभ प्राप्त करने का आरोप है.