बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मंगलवार को हुई बैठक में मायावती को फिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. उनका कार्यकाल पांच साल होगा. उनके नाम का प्रस्ताव पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने किया, जो सर्वसम्मति से मंजूर हो गया. वहीं, नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद का कद बढ़ाते हुए उन्हें महाराष्ट्र झारखंड, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया है.
बसपा सुप्रीमो ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक मे देश भर से आए पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि दलितों एवं बहुजनों को अपनी शक्ति पर भरोसा करना सीखना ही होगा वरना धोखा खाते रहेंगे और लाचारी व गुलामी का जीवन जीने को मजबूर बने रहना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बहुमत से दूर भाजपा के नेतृत्व में बनी एनडीए की सरकार का रवैया सुधारवादी नहीं लगता है जिससे इसको स्थाई व मजबूत सरकार नहीं कहा जा सकता है. वहीं यूपी के राजनीतिक हालात का संज्ञान लेते हुए कहा कि लोकसभा का चुनाव परिणाम कई कारणों से नई संभावनाएं पैदा करता है.
उन्होंने बसपा समर्थकों से अपील की है कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर के मूवमेंट तथा आरक्षण को निष्प्रभावी बनाने एवं खत्म करने के षड्यंत्र को कांग्रेस, भाजपा और उनके गठबंधन से बचाना जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी आरक्षण में उपवर्गीकरण व क्रीमीलेयर का नया नियम लागू करने के फैसले पर कहा कि पुरानी व्यवस्था को बहाल रखने के लिए केंद्र द्वारा अभी तक भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बसपा को मूवमेंट के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए वह हर कुर्बानी देने को तैयार हैं. पार्टी व मूवमेंट के हित में न तो वह कभी रुकने वाली हैं और न ही झुकने वाली हैं. टूटने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता.
किसी की हितैषी नहीं कांग्रेस और भाजपा
मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा व इनके गठबंधन दलितों, आदिवासियों, ओबीसी, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के सच्चे हितैषी नहीं हैं. बहुजनों के प्रति इनकी सोच हमेशा ही संकीर्ण, जातिवादी, सांप्रदायिक, द्वेषपूर्ण व तिरस्कारी रही है. इनके शासनकाल में बहुजनों की हालत में सुधार अभी तक नहीं हो पाया है. समाज में गैर-बराबरी बढ़ रही है. केंद्र में भाजपा व कांग्रेस की जातिवादी एवं अहंकारी सरकार बनाने से रोकने में बहुजन समाज काफी हद तक पिछड़ गया.
नई संभावनाएं पैदा करता है यूपी का परिणाम
यूपी के राजनीतिक हालात का संज्ञान लेते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा का यह चुनाव परिणाम किसी पार्टी विशेष के पक्ष में एकतरफा नहीं होने के कारण भी नई संभावनाएं पैदा करता है. ऐसे में कैडर के आधार पर जनाधार को बढ़ाने का प्रयास करके आगे बेहतर परिणाम हासिल करने की अपनी कोशिश जारी रखनी है. इसमें कोई कोताही व स्वार्थ आड़े नहीं आना चाहिए जिसकी पार्टी लगातार समीक्षा करेगी. पार्टी हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली विधानसभा का चुनाव मजबूती से लड़ेगी.
महिलाओं की सुरक्षा राष्ट्रीय समस्या बनी
मायावती ने कहा कि यूपी सहित पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा राष्ट्रीय समस्या बनकर उभर रही है. इसको लेकर अब केवल बयानबाजी व जुमलेबाजी से काम चलने वाला नहीं है बल्कि केंद्र व राज्य सरकारों को सही नीयत व नीति के साथ काम करने की जरूरत है.