Monday , April 21 2025

‘शिक्षा एक जीवनभर की यात्रा जो जन्म से मौत तक रहती है जारी’

लोनिवि मंत्री हरभजन ईटीओ ने कहा

खबर खास, चंडीगढ़ :

‘शिक्षा एक जीवनभर की यात्रा जो जन्म से मौत तक जारी रहती है ।’ यह कहना है पंजाब के बिजली और लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ का। वह आज पंजाब विश्वविद्यालय के ‘सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड ड्यूटीज’ में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गौर रहे कि केबिनेट मंत्री, जो इसी विभाग से पीएचडी के छात्र भी हैं, ने सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षा, मेहनत और समर्पण के महत्व पर जोर दिया।

जीवन में शिक्षा के प्रभाव का जिक्र करते हुए, स हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने कहा कि शिक्षा एक जीवनभर की यात्रा है जो जन्म से शुरू होती है और मृत्यु तक जारी रहती है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद एक लेक्चरर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी और यह सीखने का जुनून ही था जो उन्हें आज के मुकाम तक लाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि व्यक्ति की आर्थिक स्थिति का शिक्षा में मामूली भूमिका होती है और दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी कौशल और ज्ञान प्राप्त कर सकता है।

कैबिनेट मंत्री ने छात्रों से कौशल के लिए प्रयास करने और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निरंतर मेहनत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी विषय में महारत हासिल करने के लिए गहन अध्ययन और शोध आवश्यक है, और कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे मेहनत करके अपने माता-पिता की उम्मीदों को पूरा करें।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ने दूसरों की मदद करने और समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सच्ची सफलता सिर्फ व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने में नहीं है बल्कि दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में भी है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से हम न केवल दूसरों को मुश्किलों से उभारते हैं बल्कि एक सहानुभूतिपूर्ण और समानता वाला समाज भी बनाते हैं।

प्रो. नमिता गुप्ता द्वारा ‘सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड ड्यूटीज’ की नई चेयरपर्सन के रूप में कार्यभार संभालने के अवसर पर, डॉ. उपनीत कौर मांगट को विदाई देने के मौके पर बिजली और लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने विभाग के छात्रों को संबोधित करते हुए इन शिक्षकों को बधाई दी। इस मौके पर, छात्रों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि वे पंजाब विश्वविद्यालय जैसे विश्वस्तरीय संस्थान में पढ़ाई करने के मिले अवसर का अधिकतम लाभ उठाएं क्योंकि हर कोई इतना भाग्यशाली नहीं होता कि ऐसी शिक्षा प्राप्त कर सके।