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खेल मैदान में लठ्ठ गाड रहे हैं हरियाणवी, जानिए कैसे खेलों का सिरमौर बना हरियाणा

चंडीगढ़ | खेल मैदान का जिक्र करें, तो नेशनल से लेकर इंटरनेशनल लेवल पर सबसे पहले हरियाणा के खिलाड़ियों का ख्याल मन में आता है. कुछ ऐसा ही कारनामा यहां के खिलाड़ियों ने पेरिस ओलम्पिक (Paris Olympic) में कर दिखाया है. हिंदुस्तान के नाम पेरिस ओलम्पिक में 6 पदक रहें हैं, जिनमें से 4 हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं.

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वहीं, भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है, उसमें भी हरियाणा के कई खिलाड़ियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. राज्य की युवा पीढ़ी कैसे खेल मैदान में बाजी मारकर देश- दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रही है, ये सवाल देशवासियों के जेहन में बार-बार खड़ा हो रहा है. हर कोई जानने को उत्सुक हैं कि कैसे छोटा सा प्रदेश हरियाणा खेलों का सिरमौर बनता जा रहा है.

खेल नीति बनी वजह

खेल मैदान में हरियाणा के खिलाड़ियों की बादशाहत की सबसे बड़ी वजह यहां की सरकार की खेल पॉलिसी है, जो देशभर में सुर्खियां बटोर रही है. इसी खेल नीति की बदौलत देश- दुनिया में यहां के खिलाड़ी अपनी छाप छोड़ रहे हैं. यहां इंटरनेशनल लेवल पर जीतने वाले खिलाड़ियों को करोड़ों रुपए की धनराशि ईनाम के रूप में मिलती है.

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वहीं, नौकरी के साथ- साथ खेलों की तैयारी के दौरान भी आर्थिक सहायता दी जाती है. इतना ही नहीं, नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, जिसका परिणाम आज देश- दुनिया के सामने है.

ओलम्पिक खेलों के लिए करोड़ों रूपए

ओलम्पिक और पैरा ओलम्पिक खेलों का जिक्र करें तो हरियाणा सरकार गोल्ड मेडल विजेता खिलाड़ी को 6 करोड़ रूपए, सिल्वर मेडल विजेता को 4 करोड़ रूपए और रजत पदक विजेता खिलाड़ी को 2.5 करोड़ रूपए की धनराशि बतौर इनाम दी जाती है. इसके अलावा ओलम्पिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को भी 15 लाख रूपए की धनराशि दी जाती है.

एशियाई और कॉमनवेल्थ खेलों में ईनामी राशि

  • गोल्ड मेडल: 3 करोड़
  • सिल्वर मेडल: 1.5 करोड़
  • रजत पदक: 75 लाख

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कई स्तरों पर खेल को बढ़ावा

राज्य सरकार द्वारा खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लागू की गई है. इसमें अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार के साथ ही ध्यानचंद पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों को 20 हजार का मानदेय हर महीने दिया जाता है. इतना ही मानदेय खेलरत्न अवार्ड, तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता को भी दिया जा रहा है. वहीं, भीम पुरस्कार विजेताओं को भी 5 हजार का मानदेय हर महीने दिया जाता है. इसके अलावा, सरकार की ओर से ओलिंपिक और पैरा ओलिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को तैयारी के लिए 5 लाख रूपए की वित्तीय मदद दी जाती है.

नौकरी की सुविधा

खेल मैदान में हरियाणा के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में भी प्रावधान किया गया है. इसका ताजा उदाहरण पेरिस ओलम्पिक में शूटिंग में मेडल जीतने वाले सरबजोत सिंह और मनु भाकर है, जिनको हरियाणा की बीजेपी सरकार ने खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर की नौकरी का ऑफर दिया था. इसके लिए सेवा नियम 2021 बनाया गया है जिसके तहत खेल विभाग में ग्रुप A की नौकरी से लेकर ग्रुप C के पद सृजित किए गए हैं. नियमों के तहत, योग्यता वाले खिलाड़ियों को ग्रुप A से C श्रेणी में 3% और ग्रुप D में 10% आरक्षण का प्रावधान है.

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जमीनी स्तर पर हो रहा काम

खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार कितनी गंभीर है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां अलग- अलग खेलों के लिए एक्सीलेंस सेंटर बनाए गए हैं. वहीं, 1100 के करीब खेल नर्सरियां और 1100 के करीब व्यायामशालाएं खोली गई हैं. इसके अलावा, स्कूली स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति दी जा रही है. इसके साथ ही, ग्रामीण स्तर तक खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य- स्तरीय खेल परिसर और स्टेडियम बनाए गए हैं, जिनमें हर तरह की सुविधाएं और कोच तक तैनात किए गए हैं.

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