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पुलिस ने 83 किलो हेरोइन, 100 क्विंटल भुक्की, 1 क्विंटल गांजा, 4.52 लाख नशीली गोलियां की नष्ट ; डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने डेराबसी में नशा नष्ट करने वाली जगह का किया औचक दौरा
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब पुलिस ने आज, बुधवार को नशे के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस पर प्रदेश भर के विभिन्न दस जगहों पर नशे का जखीरा नष्ट किया। इसमें 83 किलो हेरोइन, 10,000 किलो भुक्की, 100 किलो गांजा, 4.52 लाख गोलियां/कैप्सूल शामिल हैं।
डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने कपूरथला, एसएएस नगर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर जिलों और सभी एसटीएफ रेंजों से संबंधित नशे की खेप के चल रहे निपटारे की जांच करने के लिए डेराबस्सी का दौरा किया। यह नशा यहां पंजाब केमिकल एंड क्रॉप प्रोटेक्शन लिमिटेड में नष्ट किया जा रहा था। इस मौके पर डीजीपी के साथ स्पेशल डीजीपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कुलदीप सिंह, डीआईजी रूपनगर रेंज नीलांबरी जगदले और एसएएस नगर के सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसएसपी) डॉ. संदीप गर्ग भी मौजूद थे।
डीजीपी गौरव यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि पंजाब के 33 जिलों/कमीशनरेट्स और यूनिट्स द्वारा राज्य भर में 10 विभिन्न स्थानों पर 626 एनडीपीएस मामलों से संबंधित नशे की इस बड़ी खेप का पारदर्शी ढंग से निपटारा किया जा रहा है। उन्होंने वेबेक्स मीटिंग के जरिए बाकी जिलों/यूनिट्स पर चल रहे नशे के निपटारे/नष्ट करने की प्रक्रिया का भी जायजा लिया।
गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा सत्ता संभालने से लेकर अब तक कम से कम 2,700 किलोग्राम हेरोइन, 3,450 किलो अफीम, 1.77 लाख किलो भुक्की, 1.40 करोड़ गोलियां/कैप्सूल और 2 लाख इंजेक्शन नष्ट किए हैं। पंजाब में नशे को नष्ट करने संबंधी आखिरी कार्रवाई 7 जून 2024 को की गई थी।
डीजीपी ने “नशे को ना कहो” का स्पष्ट संदेश देते हुए जनता से अपील की कि वे किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें क्योंकि नशे की लत उनके जीवन के लिए खतरा बन सकती है। उन्होंने राज्य के लोगों को पंजाब पुलिस की नशे के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने और अगर कोई भी नशा तस्करी या सप्लाई करता पाया जाता है तो उसकी जानकारी पुलिस के साथ साझा करने के लिए भी कहा।
उन्होंने पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए पंजाब पुलिस की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “आओ मिलकर इस ठोस संकल्प के साथ नशे के खिलाफ लड़ाई का संकल्प लें। आओ हम अपने युवाओं, अपने परिवारों और अपने भविष्य की रक्षा करें।” डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों का पालन करते हुए पंजाब पुलिस द्वारा राज्य से नशे के खात्मे के लिए तीन-तरफा रणनीति – प्रवर्तन, पुनर्वास और रोकथाम (ईडीपी) अपनाई गई है।
उन्होंने कहा कि मोहल्ला और गांव स्तर पर पॉइंट ऑफ सेल पर ध्यान केंद्रित करते हुए ड्रग सप्लाई को नियंत्रित करने की रणनीति को तेज करते हुए, पुलिस अधिकारियों को एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए जा रहे सभी मामलों के पीछे के लिंक का पता लगाने और नशा तस्करों के साथ मिलीभगत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि राज्य से नशे की समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए पंजाब पुलिस के ठोस प्रयासों के कारण, 2017 से हेरोइन की बरामदगी में 6.83 गुना (683 प्रतिशत) वृद्धि हुई है।
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