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आप सांसद डॉ संदीप पाठक ने संसद में पंजाब के रूके हुए फंड का मुद्दा उठाया

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एनएचएम फंड का इस्तेमाल आम आदमी क्लीनिकों के लिए नहीं किया गया, पंजाब सरकार के पास इसके लिए अपना फंड है, इसलिए केंद्र को पंजाबियों के हक का पैसा नहीं रोकना चाहिए – पाठक

चंडीगढ़, 11 दिसंबर: पंजाब से आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक ने सोमवार को संसद में पंजाब के रूके हुए फंड का मुद्दा उठाया। डॉ पाठक ने केंद्र सरकार से पंजाब के सभी रुके हुए फंड जारी करने की अपील की।

 

संसद को संबोधित करते हुए डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार पंजाब के कई फंड रोक रखी है जो पंजाब के लोगों का हक है। इसे तुरंत जारी किया जाना चाहिए। डॉ पाठक ने कहा कि केंद्र पर पंजाब सरकार का आरडीएफ (ग्रामीण विकास निधि) का 5,500 करोड़ रुपये बकाया हैं। इस निधि का उपयोग पंजाब की मंडियों और ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए किया जाता है। पिछली सरकारों ने इस फंड का इस्तेमाल दूसरे कामों में किया जिसके कारण केंद्र सरकार ने इस फंड को बंद कर दिया। लेकिन अब पंजाब में नई सरकार है और पंजाब की मान सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए नए कानून भी बनाए हैं कि यह पैसा केवल मंडियों और ग्रामीण सड़कों पर ही खर्च किया जाएगा। इसलिए मोदी सरकार को बिना किसी देरी के यह फंड जारी करना चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के 621 करोड़ रुपये भी लंबित हैं और केंद्र सरकार यह पैसा यह कहकर जारी करने से इनकार कर रही है कि यह आम आदमी क्लीनिक के लिए नहीं है। पाठक ने संसद को बताया कि पंजाब में आम आदमी क्लीनिकों पर एनएचएम फंड खर्च नहीं किया जा रहा है, क्योंकि इसके लिए पंजाब सरकार का अपना अलग फंड है। यह पैसा दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, तहसील और जिला सरकारी अस्पतालों के लिए है। इसलिए वे इसे अनुचित तरीके से रोक रहे हैं।

 

इसके अलावा एमडीएफ के 850 करोड़ और विशेष सहायता निधि के 1800 करोड़ भी केंद्र सरकार दबाए बैठी है। डॉ. पाठक ने कहा कि कुल मिलाकर यह लगभग 8,000 करोड़ रुपये बनता है, जिसपर पंजाब और पंजाब के लोगों का हक है। उन्होंने केंद्र सरकार से ये फंड जारी करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार पंजाब को उसका पैसा देने से इनकार करती रही तो उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही राज्य और केंद्र सरकार के लगभग 35,000 मामले लंबित हैं, इसलिए मोदी सरकार को पंजाब और पंजाब के लोगों के लिए सही काम करना चाहिए और यह पैसा तुरंत जारी करना चाहिए ताकि विकास के काम किए जा सकें और बिना किसी वित्तीय बाधा के स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा सके।