[ad_1]
चंडीगढ़, 21 नवंबरः पंजाब सरकार ने आज स्पष्ट किया है कि काम के घंटों सम्बन्धी फैक्टरीज़ एक्ट 1948 के अनुसार बीते दिनों जारी पत्र की गलत व्याख्या की गई है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि विभाग के ध्यान में यह मामला आने के बाद श्रम विभाग पंजाब द्वारा स्पष्ट किया गया है कि जारी पत्र के नुक्ता नंबर 1 पर बताया गया है कि कामकाजी दिन के दौरान एक श्रमिक से अधिक से अधिक 12 घंटों काम करवाया जा सकता है।
प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि फैक्टरीज़ एक्ट 1948 के सैक्शन अनुसार काम वाले घंटों की संख्या पहले की तरह 8 घंटे ही है, जिसमें आराम का समय (रैस्ट इंटरवलज़) शामिल नहीं है।
प्रवक्ता ने और स्पष्ट करते हुये कहा कि एक्ट अनुसार किसी भी बालिग़ श्रमिक से 48 घंटों से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। यदि किसी श्रमिक के काम वाले घंटों की संख्या बढ़ जाती है तो बालिग़ श्रमिक को फैक्टरीज़ एक्ट 1948 के सैक्शन 59 अनुसार ओवरटाइम देना ज़रूरी है। इस मद के अनुसार फैक्ट्री में काम करने वाला वर्कर अगर एक कामकाजी दिन के दौरान 9 घंटे से अधिक काम करता है और हफ्ते में 48 घंटे से अधिक काम करता है उसको दिहाड़ी से दोगुणा वेतना देनी लाज़िमी है।
प्रवक्ता ने आगे यह भी स्पष्ट किया कि फैक्ट्री एक्टस और रूल्ज अनुसार कोई भी वर्कर लगातार 7 दिन से ज्यादा ओवरटाइम नहीं कर सकता। इसके साथ ही एक हफ्ते में किसी भी वर्कर के कामकाजी घंटे 60 से ज्यादा नहीं हो सकते और न ही एक पखवाड़े में किसी वर्कर के कामकाजी घंटे 115 से अधिक हो सकते हैं।
Related