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चंडीगढ़, 11 नवंबर: पंजाब के कैबिनेट मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने कहा है कि जिन 583 नौजवानों को बीते कल अलग-अलग विभागों में नौकरी के नियुक्ति पत्र दिए गए हैं, उनके लिए इससे बढिय़ा ‘दिवाली तोहफ़ा’ और कोई नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा नौजवानों के जीवन को रोशन करने के लिए अपनी मुहिम को जारी रखते हुए अब तक कुल 37,683 नौकरियाँ दी जा चुकी हैं। जिम्पा ने आशा अभिव्यक्त की कि मुख्यमंत्री की नौकरियाँ देने वाली मुहिम राज्य को ‘रंगला पंजाब’ बनाने में बहुत ज़्यादा सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी भी पंजाब के नौजवानों को इतनी नौकरियाँ नहीं दी गईं और नौजवान निराशा के आलम में थे। यही कारण है कि पंजाब से लडक़े-लड़कियाँ विदेशों को जा रहे थे परन्तु मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सरकार बनते ही ऐलान किया था कि पढ़े-लिखे और योग्य लडक़े-लड़कियों को पंजाब में ही रोजग़ार दिया जायेगा और वह अपना यह वायदा लगातार निभाते आ रहे हैं।
जिम्पा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार से पहले नौजवानों के लिए सरकारी नौकरियाँ मिलना एक ‘दूर के सपने’ की तरह थे, जबकि भगवंत सिंह मान ने नौजवानों को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरियाँ मिलने को यकीनी बनाया है, जिसके लिए पारदर्शी नीति तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यह भली-भाँति जानते हैं कि ‘खाली दिमाग शैतान का घर होता है, इसलिए नौजवानों को नौकरियाँ देने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है जिससे वह काम में लगे रहें।
जिम्पा ने कहा कि मुलाजिमों के आगे से ‘कच्चा’ शब्द हटाने की उपलब्धि भी मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के हिस्से ही आई है। राज्य सरकार ने कच्चे मुलाजिमों के आगे से ठेका शब्द हटाकर सभी कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों को पार करते हुए 12,710 अध्यापकों की सेवाओं को रेगुलर किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ऐसे और भी बहुत से मुलाजिमों की सेवाओं को रेगुलर किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया पहले ही जारी है।
जिम्पा ने इस बात के लिए भी मुख्यमंत्री की तारीफ़ की कि वह राज्य को रंगला पंजाब बनाने, नौजवानों को नौकरियाँ देने, उद्योग को बढ़ावा देने और अन्य बहुत से सपने पूरे करने के लिए सार्थक और सहृदय यत्न कर रहे हैं। जिम्पा ने कहा कि भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में हम सभी तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक मुख्यमंत्री के सभी सपने पूरे नहीं हो जाते और पंजाब देश का नंबर एक राज्य नहीं बन जाता।
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