कोटद्वार में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के काफ़िले के सामने जंगली हाथी के आ जाने और उसके बाद पूर्व सीएम के जान बचाकर भागने का मामला तेज़ी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।इस बीच अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत का बयान सामने आया है। हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट शेयर करते हुए त्रिवेंद्र की सलामती के लिए भगवान का शुक्रिया किया है तो वहीं इस तरीके की घटनाओं के लिए सरकार की कुछ गलत नीतियों को भी जिम्मेदार बताया है। हरीश रावत का कहना है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनके सहयोगी भगवान कंडोलिया की कृपा से हाथी के प्रकोप से बच गए लेकिन पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के साथ जो ये घटना घटी है वह एक हजारवां अंश है जो हर रोज उत्तराखंड में जंगली जानवरों के प्रकोप से घटित रही है।
हरीश रावत ने कहा कि जंगली जानवरों के आतंक से लोग लगातार गांव छोड़ने को मजबूर हो रहे है। लोग अपने खेत को बंजर छोड़ यहां से पलायन कर रहे है। हरदा ने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी यदि इसको कोई आप अपने कार्य पर टिप्पणी न समझें तो उनका आग्रह है कि विद्वान लोगों से ही परामर्श करने से समस्या का समाधान नहीं निकालेगा इसलिए समस्या का समाधान के लिए भुक्तभोगियों से बातचीत करनी जरूरी है। बता दें कि पौड़ी जिले के कोटद्वार में बुधवार शाम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बीच सड़क पर अचानक जंगली हाथी से सामना हुआ। इस दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने पहाड़ पर चढ़कर हाथी से बमुश्किल अपनी जान बचाई।