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MDDA ने मसूरी में अवैध निर्माण को किया सीज़,लोगो ने एमडीडीए,वन,पालिका व खनन विभाग पर उठाए सवाल

अज़हर मलिक

देहरादून। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण(एमडीडीए) द्वारा मसूरी झील के पास एक अनाधिकृत रूप से बन रहे भवन को सील कर दिया है। एमडीडीए के अधिशासी अभियंता मनोज जोशी ने बताया कि भवन स्वामी सरदार सिंह अरोड़ा द्वारा अनाधिकृत रूप से बिना प्राधिकरण के अनुमति के निर्माण किया गया था जिसको लेकर पूर्व में प्राधिकरण द्वारा उत्तराखंड/ उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 संशोधित अधिनियम 2009 सुसंगत धाराओं 28 की उप धारा 28/1 के अंतर्गत निर्माण कार्यों को रोकने के साथ नोटिस दिया गया था परंतु निर्माणकर्ता द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए निर्माण कार्य जारी रखा जिसकी सुनवाई सचिव मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के न्यायालय में की गई जिसमें सभी बिंदुओं पर का संज्ञान लेते हुए सचिव मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा उक्त निर्माण को सील करने के निर्देश दिए गए। जिसके अनुपालन में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की टीम अधिशासी अभियंता मनोज जोशी के नेतृत्व में पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंची और अवैध निर्माण को सील किया गया वहीं उन्होंने निर्माण कर्ताओं को बिना प्राधिकरण की अनुमति के निर्माण ना करने की हिदायत दी थी। अधिशासी अभियंता मनोज जोशी ने मसूरी की जनता से आग्रह किया कि वह बिना प्राधिकरण के अनुमति के किसी प्रकार का निर्माण ना करें । उन्होने कहा कि मसूरी में अवैध निर्माण की काफी शिकायतें प्राधिकरण को मिल रही है जिसमें कई निर्माण अवैध निर्माण को निर्माण कर्ताओं को नोटिस भी जारी कर दिया गया है और जल्द कुछ और बड़े अवैध निर्माणों में प्राधिकरण की कार्रवाई होनी है उन्होंने कहा कि मसूरी की सुंदरता और पर्यावरण को बचाने के लिए अवैध निर्माण को हर हाल में रोकना पड़ेगा।

स्थानीय और पर्यावरण व मित्रों ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, खन्न विभाग, वन विभाग और नगर पालिका के अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मसूरी में सैकड़ों की तादाद पर पहाड़ों को काटकर अवैध निर्माण किया जा रहा है परंतु ना तो इस ओर वन विभाग, खनन विभाग, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, नगरपालिका के साथ स्थानीय प्रशासन देखने को तैयार है उन्होंने कहा कि बिना अधिकारियों की मिलीभगत के इतने बड़े स्तर पर मसूरी में अवैध खनन कार अवैध निर्माण नहीं हो सकता है खनन और भू माफियाओं द्वारा बड़े-बड़े पहाड़ों को काट दिया गया है पार्किंग स्थलों पर होटल बनाए जा रहे हैं परंतु कुछ लोगों पर कार्रवाई करके विभाग वाहवाही लूटना चाहता है परंतु यह गलत है उन्होंने कहा कि जल्द कुछ पर्यावरण मित्र अधिकारियों के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों के संपत्तियों का ब्यौरा भी सार्वजनिक करने की मांग की है।