रिपोर्ट- अज़हर मलिक
काशीपुर।आखिर काशीपुर की जनता को और किस तरह का विकास चाहिए,क्या जो पुराने विकास कार्य है,उनको खत्म करके,या काशीपुर शहर की पहचान को खत्म करके ही शहर का विकास होगा,जी हां जो विकास कार्यों की आधार शीला कई साल पहले काशीपुर को मिली है, वर्तमान सरकार उस धरोहर को भी खत्म करने की फिराक में है, काशीपुर रोडवेज बस डिपो से संचालित होने वाली सेंकडों बसों के बेडे को खत्म कर सरकार ने जहां काशीपुर शहर के विकास को खत्म करने का काम किया है, वहीं इससे जनता में खासा रोष देखा जा रहा है,
काशीपुर रोडवेज बस डिपो को रामनगर डिपो में मर्ज किये जाने और बस अड्डे को काशीपुर से खत्म किये जाने के शासन और सरकार के फैसले से जनता में आक्रोश देखा जा रहा है, डिपो को मर्ज किये जाने के खिलाफ जहां राजनैतिक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है, वहीं स्थानीय लोगों में भी इस फैसले से नाराजगी बनी हुई है, सालों पुराने काशीपुर के रोडवेज बस डिपो को रामनगर डिपो में मर्ज कर दिया गया है, जिसका आदेश एक दिन पूर्व ही शासन ने जारी किया है, शासन द्वारा काशीपुर शहर से डिपो को मर्ज करने पर जहां काशीपुर से वाहनों की आवाजाही पर प्रभाव पडेगा वहीं काशीपुर के यात्रियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पडेगा, डिपो को मर्ज किये जाने से स्थानीय लोगों में भी रोष देखा जा रहा है वहीं राजनैतिक दलों ने भी शासन के इस फैसले की कडी निंदा की है, उनका कहना है कि सरकार एक तरफ जहां विकास के दावे कर रही है तो दुसरी तरफ शहर के पुराने विकास को भी खत्म करने में तुली हुई है, जिन बसों का संचालन लम्बे समय से काशीपुर डिपो से होता था और लम्बे रुटों पर काशीपुर से बसें संचालित होती थी उसका काफी प्रभाव स्थानीय लोगों पर पड रहा है, वहीं अब सरकार के इस फैसले को लेकर विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं।