भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष में एक और छलांग लगाई है. इसरो ने पीएसएलवी- सी51/अमेजोनिया-1 मिशन को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया. दरअसल, ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को लेकर भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 ने उड़ान भरी और इसके साथ ही अंतरिक्ष में भारत के इसरो ने अहम कदम रखा है. इसरो का पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी-सी51) इस बार अपने साथ 19 सैटेलाइट के साथ कई और चीजें भी लेकर आसमान में पहुंचा है.
इसरो के पीएसएलवी- सी51 के साथ ही भगवद गीता की एक इलेक्ट्रॉनिक प्रति भी अंतरिक्ष में गई है. हालांकि पहले 20 उपग्रह जाने वाले थे, लेकिन प्रक्षेपण के पूर्वाभ्यास के दौरान दो सैटेलाइट को कम कर दिया गया. PSLV-C51, पीएसएलवी का 53वां मिशन है और अपने साथ ये जिस प्रमुख सैटेलाइट अमजोनिया -1 को लेकर जाएगा, वो पहला ऐसा सैटेलाइट है जो पृथ्वी की निगरानी करेगा. इसे ब्राजील द्वारा विकसित किया गया है. इसरो द्वारा लॉन्चिंग के बाद इसका संचालन संयुक्त रूप से चीन और ब्राजील के रिसोर्स सैटेलाइट प्रोग्राम संस्थान करेगा. इस मिशन की अवधि तीन साल तीन महीने है.
सैटेलाइट पर पीएम मोदी की तस्वीर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी आसमान की ऊंचाइयों में पृथ्वी का चक्कर काटेगी. स्पेस किड्ज इंडिया ने अपने सतीश धवन सैटेलाइट के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी है. स्पेस किड्ज इंडिय की वेबसाइट के मुताबिक, यह कदम पीएम की आत्मनिर्भर पहल और निजी कंपनियों के अंतरिक्ष की राह खोलने वाले निर्णय से एकजुटता दिखाने के लिए उठाया जा रहा है. इस सैटेलाइट के जरिए स्पेस किड्ज इंडिया अंतरिक्ष में रेडिएशन पर रिसर्च करेगा.
पहला अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट
बताया जा रहा है कि पीएसएलवी द्वारा लॉन्च किया जाने वाला Amazonia-1 उपग्रह अमेजन के जंगलों की कटाई की निगरानी और अवलोकन करने में मददगार साबित होगा. हाल ही में अमजेन के जंगलों में लगी आग के बाद इस उपग्रह की भूमिका पूरी दुनिया के लिए बेहद अहम होगी. इसके अलावा ब्राजील के उपग्रह द्वारा भेजे गए तस्वीरों से वनस्पति और कृषि क्षेत्रों में भी मदद मिलने की उम्मीद है.