26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद सरकार की ओर से ट्विटर को कई बार भारत के खिलाफ चल रहे ट्विटर अकाउंट बंद करने को कहा गया। इसके बाजवूद ट्विटर इस मामले में हीलाहवाली कर रहा था। अब सरकार की ओर से ट्विटर को इस मामले में आदेश का पालन न करने पर आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए (3) के तहत कार्रवाई भुगतने की चेतावनी देने के बाद कंपनी एक्शन में आई है और भारत के खिलाफ चल रहे ऐसे अकाउंट बंद करने शुरू कर दिए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष सूत्रों ने कहा है कि ट्विटर ने भारत सरकार को अब भरोसा दिया है कि कंपनी सरकार की आपत्तियों की ओर ध्यान देगी। इसके साथ ही सरकार की ओर से आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत भेजे गए नोटिस में कंटेंट पर उठाए गए सवालों पर भी गौर करेगी।
शीर्ष सूत्र के हवाले से यह भी कहा गया है कि ट्विटर पर ‘किसान नरसंहार’ हैशटैग के अंतर्गत जिन 257 अकाउंट से ट्वीट किया गया था, उनमें से 126 को बंद कर दिया गया। कुछ दिन पहले ट्विटर ने उन्हें सिर्फ ब्लॉक किया था। उनमें से कई को फिर खोला गया। अब फिर से उनमें से कई को फिर से ब्लॉक कर दिया गया है।
यह भी दावा किया गया है कि सरकार ने हाल ही में जिन 1178 ट्विटर अकाउंट के पीछे पाकिस्तान और अन्य संगठन का हाथ होने की बात कहकर उन्हें बंद करने का आदेश दिया था, उनमें से 583 अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया है। सरकार के अनुसार ये अकाउंट गलत सूचनाएं और भड़काऊ साम्रगी फैला रहे थे।
सोमवार को टि्वटर ने कहा था कि वह इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्री रविशंकर प्रसाद से इस मामले में आधिकारिक वार्ता चाहता है। साथ ही इस दौरान उसने सरकार से ट्विटर अकाउंट बंद करने को लेकर दिए गए नोटिस पर अपडेट भी दिया है। ट्विटर से साफतौर पर कहा गया था कि उसके खिलाफ आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए (3) के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसमें वरिष्ठ अफसरों को सात साल की जेल तक का प्रावधान है।