अमेरिका के इंडियाना में महिला कैदी लिसा मॉन्टगोमरी को बुधवार को मौत की सजा दी गई, जो देश में 53 वर्ष बाद किसी महिला को मृत्युदंड दिये जाने का पहला मामला है। रिपोर्ट के मुताबिक मॉन्टगोमरी को जहर का इंजेक्शन देकर मौत की सजा दी गई और अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह 6 : 31 बजे मृत घोषित कर दिया गया।
वह 1953 के बाद से पहली महिला थी जिसे मृत्युदंड दिया गया। उसे 2004 में बॉबी जो स्टीनेट की हत्या के लिए मौत की सजा सुनायी गयी थी, जो उस समय आठ महीने की गर्भवती थी। इससे पहले एक संघीय न्यायाधीश ने उसके मृत्युदंड पर रोक लगा दी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया जिसके कुछ समय बाद ही मॉन्टगोमरी को मृत्युदंड दे दिया गया। मॉन्टगोमरी की सजा के साथ ही जुलाई से अमेरिका में मौत की सजा दिये जाने वाले कैदियों की संख्या 11 हो गयी है लेकिन इनमें से वह इकलौती महिला कैदी थी।
यह था पूरा मामला
यह मामला 16 साल पुराना है। 16 दिसंबर 2004 को मोंटगोमेरी एक कुत्ते को गोद लेने के लिए कैनसास के मेलवर्न में स्थित अपने घर से लगभग 170 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिमी मिसूर कस्बे के स्किडमोर में 23 वर्षीय कुत्ता विक्रेता बॉबी जो स्टिनेट के घर गई। जहां उसने रस्सी से गला दबाकर कुत्ता विक्रेता जो स्टिनेट की हत्या कर दी। इस महिला के अंदर हैवानियत का इतना भूत सवार था कि इसने मर चुकी स्टिनेट का पेट चीरकर उससे बच्ची को निकाला और वहां फरार हो गई। पुलिस ने अगले दिन उसे गिरफ्तार कर नवजात बच्ची को छुड़ा लिया गया। उस बच्ची का नाम विक्टोरिया जो है, जो अब 16 साल की हो चुकी है।