जेल का नाम लेते ही मन में कई तरह के सवाल पैदा होने लगते हैं। कैदियों को खाने-पीने से लेकर वहां रहने की व्यवस्था समेत कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अमेरिका में एक ऐसा जेल है, जहां इन सब बातों के बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं है। इस जेल में रहने वाले हर कैदियों पर सालाना करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। इन वजहों इस जेल को दुनिया की सबसे महंगी जेल के तौर पर जाना जाता है।
इस जेल का नाम है ‘ग्वांतानमो बे’ है, जो क्यूबा में स्थित है। इस जेल का ये नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि यह ग्वांतानमो खाड़ी के तट पर स्थित है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जेल में फिलहाल 40 कैदी हैं और हर कैदी पर सालाना करीब 93 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।
हालांकि, हर राष्ट्रपति के कार्यकाल में ग्वांतानमो बे जेल चर्चा का विषय बन जाती है। संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन सरकार इस जेल पर ताला लगवा सकती है। क्योंकि इस जेल पर खर्च होने वाले पैसे को बचाने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
बता दें कि ट्रंप से ठीक पहले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ग्वांतानमो बे जेल को बंद करने की बात की थी। बराक ओबामा ने कहा था कि इतनी महंगी जेल के कैदियों को किसी दूसरी सेफ जेल में भेज दिया जाना चाहिए और जेल बंद हो जानी चाहिए। हालांकि, ऐसा हो नहीं सका।
ग्वांतानमो बे जेल में तीन इमारतें, दो खुफिया मुख्यालय और तीन अस्पताल हैं। इसके साथ वकीलों के लिए भी अलग-अलग कंपाउंड बनाए गए हैं, जहां कैदी उनसे बात कर सकते हैं। इस जेल के स्टाफ और कैदियों को होटल जैसी सुविधाएं मिलती हैं। कैदियों के लिए इस जेल में चर्च, जिम, प्ले स्टेशन और सिनेमा हॉल की व्यवस्था की गई है।
पहले ग्वांतानमो बे में अमेरिका का नेवी बेस था, लेकिन बाद में इसे डिटेंशन सेंटर (हिरासत केंद्र) बना दिया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने यहां एक कंपाउंड बनवाया, जहां आतंकियों को रखा जाता था। इसे कैंप को एक्स-रे नाम दिया गया था।