वैसे तो पाकिस्तान खुद को लोकतांत्रिक देश कहता है लेकिन इस देश में एक लोकतांत्रिक रुप से चुनी हुई किसी सरकार को अपना कार्यकाल पूरा करने में 66 साल लग गए. इस देश पर आजादी के बाद से लगभग आधा समय सेना का राज रहा. यही नहीं इस
पाकिस्तान के अजीबो गरीब कानून भी मौजूद हैं जिन्हें हम अगर एक भारतीय नागरिक के रूप में देखेंगे तो बेहद अजीब लग सकते हैं.
पाकिस्तान के अजीबो गरीब कानून भी मौजूद हैं जिन्हें हम अगर एक भारतीय नागरिक के रूप में देखेंगे तो बेहद अजीब लग सकते हैं.
पाकिस्तान के अजीबो गरीब कानून
1 – पाकिस्तान नागरिक नहीं जा सकते इजरायल- ऐसा इसलिए क्कि पाकिस्तान इजरायल को एक देश के रूप में मान्यता ही नहीं देता. एक पाकिस्तानी नागरिक कभी इजरायल नहीं जा सकता क्योंकि पाकिस्तान इजरायल के लिए वीजा नहीं जारी करता

2 – शिक्षा पर टैक्स- पाकिस्तान की गिनती विश्व के सबसे कम साक्षर देशों में होता है पर इस देश में शिक्षा पर टैक्स लगता है. अगर कोई पाकिस्तानी स्टुडेंट अपनी शिक्षा पर दो लाख से अधिक खर्च करे तो उसे 5 प्रतिशत टैक्स भरना होगा.
3 – गर्लफ्रेंड के साथ रहना अवैध है- भारत में दो व्यस्क युवाओं को रजामंदी से एकसाथ रहने की पूरी छूट है पर पाकिस्तान में ऐसा नहीं है. बिना शादी के यहां अगर कोई लड़का-लड़की एक साथ रह रहें हैं तो इसे गैरकानूनी माना जाता है.
4 – कुछ अरबी शब्दों के अंग्रेजी अनुवाद पर है पाबंदी- अल्लाह, मस्जिद, रसूल, नबी आदि कई ऐसे शब्दों का अंग्रेजी में अनुवाद करना पाकिस्तान में अवैध माना जाता है
5 – किसी दूसरे का फोन छूना भी है इलीगल- पाकिस्तान में बिना पूछे अगर आप किसी का फोन छू भी लेते हैं तो आपको 6 महीने के लिए जेल हो सकती है.
6 – ट्रांसजेंडर्स नहीं हो सकते सेना में भर्ती- पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर्स की एक बड़ी अबादी रहती है पर इन्हें इस देश में कई अधिकारों से वंचित रखा जाता है. यहां ट्रांसजेंडर्स सेना में नौकरी नहीं कर सकते.

7 – रमजान में आप नहीं खा सकते बाहर- यह कानून देश के सभी नागरिकों पर लागू होता है. अगर कोई मुस्लिम नहीं भी है उसे भी इस पूरे महिने घर के बाहर खाना खाने क इजाजत नहीं होती.
8 – प्रधानमंत्री का हीं उड़ा सकते मजाक- अगर ऐसा करते हुए कोई पकड़ा जाता है तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ता है. ये है पाकिस्तान के अजीबो गरीब कानून – पाकिस्तान की पुरानी आदत है कि वह हमेशा कश्मीर की आजादी की राग विश्व के अलग-अलग मंचो पर गाता फिरता है. लेकिन हमारी नजर में अगर पाकिस्तान को सबसे पहले किसी आजादी की जरूरत है तो वह है इन अजीबोगरीब कानूनों से आजादी.
पाकिस्तान अपने किसी नागरिक को इजराइल जाने का वीजा नहीं देता. क्योंकि पाकिस्तानी फॉरेन मिनिस्ट्री इजरायल को देश ही नहीं मानती है.
अगर आप पाकिस्तान में पढ़ाई करते हैं और आपकी पढ़ाई पर 2 लाख से ज्यादा का रूपए खर्च होता है, तो आपको सरकार को 5% टैक्स देना पड़ता है.
अगर आप पाकिस्तान में PM का मजाक उड़ाते हुए पकड़े जाते हैं तो आपकी खैर नहीं, इसके लिए आपको अच्छा-खासा जुर्माना तक भरना पड़ सकता है.
दुनिया में पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहाँ आप राष्ट्रपति बनने के लिए किसी भी योग्यता (qualification) की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर आप किसी स्कूल में नौकरी करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए पढ़ा-लिखा होना जरूरी है. हो गए न आप भी कंफ्यूज़ ?
पाकिस्तान में लड़का-लड़की शादी के पहले एक साथ नहीं रह सकते है. इसे ग़ैरक़ानूनी माना जाता है.
पाकिस्तान में लड़का-लड़की शादी के पहले एक साथ नहीं रह सकते है. इसे ग़ैरक़ानूनी माना जाता है.
रमजान के पाक महीने में घर के बाहर कुछ भी नहीं खा सकते, क्योंकि इसे ग़ैरक़ानूनी माना जाता है. अगर आप मुस्लिम नहीं हैं, तब भी इस नियम को आपको मानना ही होगा.
पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर (transgender) व्यक्ति आर्मी ज्वाइन नहीं कर सकता. इसे ग़ैरक़ानूनी माना जाता है. जबकि पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर की संख्या काफी ज्यादा हैं.

कुछ अरबी शब्दों, जैसे अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी शब्दों का अंग्रेजी में अनुवाद करना ग़ैरक़ानूनी है.
पाकिस्तान में आप किसी भी व्यक्ति को फालतू के मैसेज नहीं भेज सकते हैं. अगर आप फालतू के मैसेज करते हुए पकड़े जाते है तो आपको 10 लाख तक जुर्माना तक भरना पड़ सकता है.
पाकिस्तान में आप किसी भी व्यक्ति को फालतू के मैसेज नहीं भेज सकते हैं. अगर आप फालतू के मैसेज करते हुए पकड़े जाते है तो आपको 10 लाख तक जुर्माना तक भरना पड़ सकता है.
हमें आजादी मिलते ही हिन्दुस्तान और पाकिस्तान का ही बंटवारा नहीं हुआ था। हमने जमीन और लोगों को बांटने के साथ-साथ अपनी भाषाआें का भी बंटवारा कर लिया था। हिन्दुस्तान ने हिन्दी को अपनी राष्ट्रभाषा बनाने का ऐलान कर दिया। पाकिस्तान ने वह दर्जा उर्दू को दे दिया। लेकिन हम हिन्दी को सब लोगों की भाषा नहीं बना पाए। अपनी और भाषाएं मसलन उड़िया, बंगाली, असमिया, गुजराती, मराठी, तेलुगु, तमिल, मलयालम, कश्मीरी और पंजाबी ने अपना अलग झंडा बुलंद किए रखा। हिन्दी कुल मिला कर हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार में सिमटी रही।