लखनऊ : अखिलेश सरकार में आंख बंद कर बड़े बड़े घपले किये गए. नियमो को ताक पर रख कर सरकारी खजाने को निजी संपत्ति की तरह उड़ाकर इस्तेमाल किया गया. लेकिन अब योगी राज में एक एक करके बड़े घपले सामने आ रहे हैं.
इस बीच समाजवादी के आजम खान पर योगी सरकार का जबरदस्त शिकंजा कसना शुरू हो गया है.

सीएम योगी का आज़म खान पर कड़ी कार्रवाई
अभी मिल रही ताज़ा खबर मुताबिक यूपी में योगी सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान का बड़ा घपला सामने आया है. जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक आजम खान पर आरोप है कि सपा सरकार में आजम खान के द्वारा सारे नियमों को ताक पर रखकर यूनिवर्सिटी के अंदर आने वाली चकरोड को पहले अवैध कब्ज़ा किया, फिर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल किया.
एक साथ चार मुकददमे चलेंगे
इतने बड़े घपले शिकायत के बाद अब राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए चकरोड और ग्राम समाज की जमीन लेने के मामले में आजम खान के खिलाफ एक साथ चार मुकदमे चलाने को मंजूरी भी दे दी है.

नियमों को ताक पर रख खरीदी थी जमीनें
दरअसल, अखिलेश सरकार में आजम खान ने अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट का निर्माण पूरा किया. सपा के रसूख के चलते सरकारी जमीनों को यूनिवर्सिटी में शामिल कर दिया. जौहर यूनिवर्सिटी के लिए उत्तर प्रदेश जमींंदारी विनाश एवंं भूमि व्यवस्था अधिनियम के तहत जमीनों का एक्सचेंज हुआ था. तत्कालीन एसडीएम ने ये ऑर्डर किया था कि ऐसी जमीने जो जौहर यूनिवर्सिटी के अंतर्गत जो ग्राम समाज, नदी, रेत और चक रोड की थी, उन पर अवैध रूप से कब्ज़ा करके उसे यूनिवर्सिटी को दिया गया था.
बता दें जौहर यूनिवर्सिटी आज़म खान की यूनिवर्सिटी है. इस यूनिवर्सिटी के ट्रस्ट में सिर्फ उनके परिवार के लोग ही शामिल हैं. चक रोड पर कोई कब्जा नहीं कर सकता, इसके बावजूद उन्होंने उस पर कब्जा करके उसे यूनिवर्सिटी परिसर में शामिल कर लिया था. सरकारी संपत्ति को अपनी संपत्ति की तरह इस्तेमाल किया गया.
यही वजह है जब सरकार ही भ्रष्ट होगी तो निचले पद के सभी अधिकारी भी भ्रष्टाचार करेंगे और अंधाधुंध आम आदमी के पैसों का धड़ल्ले से उड़ाएंगे.आलम तो यहाँ तक था की नीचे के सभी अधिकारी अपने ऑफिस में आज़म खान की तस्वीर लगाया करते थे. वे उन्हें घोटालेबाज़ में अपना आदर्श मानते थे.`

अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट पर भी लटक चुका है ताला
इससे पहले योगी साकार में ही अखिलेश यादव के भी ड्रीम प्रोजेक्ट हज हाउस पर कड़ी कार्रवाई की गयी थी जब गाजियाबाद जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने मंगलवार को हिंडन किनारे जीटी रोड पर बने हज हाउस को सील कर दिया था.
दरअसल जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि हज हाउस में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं था. हिंडन नदी में इससे निकलने वाला पानी जा रहा था, जो भूजल और हिंडन नदी के पानी को गंदा कर रहा था.
अखिलेश सरकार में कई बार एनजीटी में एक याचिका भी डाली गई थी. जिसमें यह कहा गया था कि प्रदूषण के मानकों पर हज हाउस खरा नहीं उतर रहा है. लेकिन अखिलेश सरकार ने कभी इसपर कार्रवाई नहीं करी. एनजीटी ने अपने नोटिस को एक याचिका पर जारी किया था जिसमें आरोप लगाया गया है कि गाजियाबाद में हिंडन नदी क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन कर आला हजरत हज हाउस का निर्माण किया जा रहा है.
इससे पहले एक याचिका में इस निर्माणाधीन 7 मंजिला हज हाउस को तोड़ने का भी आग्रह किया गया है. याचिकाकर्ता ने यह दावा करते हुए याचिका दायर की थी कि जिस जमीन पर हज हाउस का निर्माण हो रहा है वह गाजियाबाद के अर्थला गांव के राजस्व रिकार्ड में हिंडन नदी के तौर पर दर्ज है.
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