राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला में चौथी बार सजा सुनाए जाने के बाद पार्टी कार्यालय में उदासी छाई है, जबकि 10 सर्कुलर रोड स्थित उनके आवास में दूसरे दिन भी सन्नाटा पसरा है। राजद के कुछ बड़े नेता ही आवास में आते-जाते दिखे हैं।
सजा सुनाए जाने के पहले शनिवार को सुबह से ही राबड़ी देवी, तेजस्वी प्रसाद यादव एवं विधायक तेजप्रताप यादव को अहसास था कि इस बार कोई राहत नहीं मिलने जा रही है। यही कारण है कि सबका ध्यान रांची की ओर लगा रहा। भोला यादव से बार-बार फोन पर बातें हो रही थीं। अदालत का हाल पूछा जा रहा था। लालू के स्वास्थ्य की भी चिंता थी।
सजा का एलान होने के बाद तेजस्वी कुछ देर के लिए आवास से बाहर निकले। मीडिया से रूबरू हुए और अंदर चले गए। दोपहर 12 बजे तक लालू के आवास के बाहर मीडिया एवं सुरक्षा प्रहरियों के अलावा कोई नहीं था। सड़क से गुजरने वाले थोड़ा ठिठककर माहौल समझने की कोशिश करते हुए बिना रुके आगे बढ़ जा रहे थे।
शाम चार बजे वरिष्ठ नेताओं को आवास पर विचार-विमर्श और आगे की रणनीति के लिए बुलाया गया। प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, अब्दुल बारी सिद्दीकी, इलियास हुसैन, तेज प्रताप, शिवचंद्र राम, अनिता देवी एवं कुमार सर्वजीत समेत कई नेता एक-एक कर पहुंचे। उधर, पार्टी दफ्तर में भी नेताओं के चेहरे पर उदासी पसरी थी। प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन, संजय यादव, निराला यादव, विनोद यादव, अशोक यादव, मदन शर्मा, सत्येंद्र पासवान, देवमुनी यादव एवं चंदेश्वर प्रसाद समेत कई नेता फैसला आने के पहले से ही जमे थे। नेताओं-कार्यकर्ता के आने का सिलसिला दोपहर बाद तक जारी रहा। इसके बाद रविवार की सुबह फिर आवास पर सन्नाटा पसरा दिख रहा है।
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