आज हम एक अहम विषय में बात करने जा रहे हैं जो जानना सबके लिए बहुत ही जरूरी है. आज हम बात करेंगे रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद के बारे में. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक बार फिर से सुनवाई शुरू होने जा रही है, जिस पर देशभर की नजर है.
जहाँ बाबरी मस्जिद बनाई गई है वहां पहले श्री राम मन्दिर था ! शीर्ष अदालत इस मसले पर 9 फरवरी को ही ‘अंतिम सुनवाई’ शुरू करने वाली थी. लेकिन कुछ दस्तावेज नहीं जमा कराए जाने और कुछ का अनुवाद नहीं हो पाने के कारण इन्हें कोर्ट में नहीं पेश किया जा सका था, जिसके कारण सुनवाई टालनी पड़ी. खैर कुछ सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब शायद ही कोई जानता होगा लेकिन आप सब के मन में ये सवाल तो आते ही होंगे कि क्या अयोध्या में जिस विवादित जमीन पर बाबरी मस्जिद बनाई गई वहां पहले हिंदू मंदिर हुआ करता था? लेकिन आज हम आपको कह सकते हैं कि हाँ ये सच है की जहाँ बाबरी मस्जिद बनाई गई है वहां पहले श्री राम मन्दिर हुआ करता था. बता दें किसुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई के बीच एक बार फिर कुछ ऐसे सबूत सामने आए हैं जिसके आधार पर कहा जा रहा है कि हिंदू मंदिर पर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी. अंग्रेजों के जमाने में कई बार ये फैसला हुआ कि जन्मभूमि पर हिन्दूओं को पूजा का हक है.
सबसे बड़ा सच आया सामने ! क्योंकि वहां मंदिर ही था लेकिन हर बार किसी न किसी बहाने फिर विवाद पैदा किया गया और मामला कोर्ट में पहुंच गया और अब जो सबूत मिले उससे सच साने आ गया. इतना ही नहीं अयोध्या में दो बार खुदाई हुई. सवाल दोनों बार एक था, मस्जिद के नीचे मंदिर है या नहीं, मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई या नहीं. एक बार खुदाई 1977 में हुई और दूसरी बार 2003 में. मगर दोनों बार ही बार खुदाई में बहुत ज्यादा अंतर था, पहली बार खुदाई हुई तो विवादित जमीन पर बाबरी मस्जिद खड़ी थी और दूसरी बार जब खुदाई हुई तब बाबरी मस्जिद का वहां निशान भी नहीं था. चालीस साल पहले अयोध्या में हुई खुदाई के वक्त ASI के चीफ थे प्रोफेसर बीबी लाल. इस टीम में ASI के अफसर केके मोहम्मद भी थे. ASI की टीम को एक दो नहीं पूरे चौदह पिलर मिले.

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