Wednesday , May 1 2024

केजरीवाल और आप नेताओं के खिलाफ एक्साइज नीति का मामला आजादी के बाद सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है: संजय सिंह

कहा, यह भाजपा है जिसने 60 करोड़ रुपये का घोटाला किया है, इसकी मनी ट्रेल के साफ़ सबूत हैं
संजय ने लगाया आरोप -‘एजंसियों का इरादा जांच करना नहीं है, वे सिर्फ आप और केजरीवाल को रोक कर दिल्ली व पंजाब में हमारी सरकारें गिराना चाहते हैं’
400 प्लस सीटें बीजेपी का जुमला, मोदी घबरा गए हैं, वह हार रहे हैं: संजय सिंह
हम 23 सीटों पर पूरी ताकत से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, बाकी सीटों पर पूरे दिल से इंडिया गठबंधन का करेंगे समर्थन- आप नेता
खबर खास, चंडीगढ़ :
‘अरविंद केजरीवाल और आप नेताओं के खिलाफ आबकारी नीति का मामला आजादी के बाद की सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है।’ यह कहना है आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह का। मंगलवार को चंडीगढ़ में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए संजय ने कहा कि यह मामला साजिश के तहत दर्ज करवाया गया लेकिन किसी घोटाले की जांच करने का कोई इरादा नहीं, मकसद सिर्फ दिल्ली और पंजाब में प्रचंड बहुमत की दोनों सरकारों को गिराना है।
सांसद ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता और 10 साल में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने की उसकी उपलब्धि को रोकने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने कोई घोटाला किया है तो वह भाजपा है। उनके खिलाफ 60 करोड़ रुपये का घोटाला पाया गया है। यह हर कोई जानता है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के मामले में झूठे गवाह तैयार किये गये और बेबुनियाद आरोप लगाये गये। उन्होंने कहा कि 10-10 बयान दर्ज किए गए लेकिन केवल 2 को ही कोर्ट में पेश किया गया। बाकी सब छुपे हुए हैं क्योंकि वे उनके प्रचार से मेल नहीं खाते। मंगुटा रेड्डी ने 10 बयान दिए। आखिरी दो बयानों में जैसे ही उन्होंने केजरीवाल का नाम लिया, तुरंत उनके बेटे राघव रेड्डी को जमानत मिल गई। दरअसल जिस मंगुटा के खिलाफ बीजेपी ने यह जांच शुरू की थी, वह अब बीजेपी के बैनर तले वोट मांग रहे हैं और हर जगह मोदी की तस्वीर लगा रहे हैं। लेकिन जब उन्होंने अपने बयान में अरविंद केजरीवाल का नाम लिया तो उन्हें पीठ दर्द के लिए जमानत मिल गई।
संजय सिंह ने कहा कि एक अन्य गवाह चंदन रेड्डी का कान घायल हो गया। उन्होंने उसके कान का पर्दा फाड़ दिया। उन्होंने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील भी की। समीर महेंद्रू और अरुण पेल्लू पर अरविंद केजरीवाल का नाम लेने के लिए दबाव डाला गया और उन्हें सूचित किया गया क्योंकि वे इस पूरे मामले को उनके खिलाफ बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि मैं भारत की आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट पार्टी और उनकी सरकार से पूछना चाहता हूं कि जब आपके खिलाफ सीधे तौर पर 60 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल पाई गई तो आपके नेताओं से ईडी और सीबीआई पूछताछ क्यों नहीं कर रही? एजी ने अब तक एक भी पत्र क्यों नहीं लिखा? उन्होंने कहा कि आखिर क्या कारण है कि जिस कंपनी का मुनाफा शून्य है, वह कंपनी आप लोगों को सैकड़ों करोड़ का फंड दे रही है? भाजपा को सैकड़ों करोड़ का चंदा देने वाली जो फर्जी कंपनियां हैं, ईडी और सीबीआई उसकी जांच क्यों नहीं कर रही हैं? इस मामले में भाजपा नेताओं से पूछताछ क्यों नहीं होती? उन पर छापे क्यों नहीं मारे जाते?
उन्होंने दोहराया कि यह पूरा मामला फर्जी है। यह सिर्फ अरविंद केजरीवाल के खिलाफ राजनीतिक साजिश है। जिन बयानों में अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं था, उन्हें जानबूझकर कार्यवाही से बाहर रखा जा रहा है और अदालत के सामने नहीं रखा जा रहा है। यदि सारे तथ्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किये जायेंगे तो न्याय कैसे मिलेगा? अरविंद केजरीवाल के वकील अपना काम कर रहे हैं। वकील लगातार दस्तावेजों का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से न्याय मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि न्याय व्यवस्था की एक प्रक्रिया होती है और कई बार न्यायिक प्रक्रिया में चूक हो जाती है। पीएमएलए में बहुत सी अनियमितताएं हैं जिनमें कोर्ट के सामने पूरी सच्चाई नहीं रखने पर जमानत मिलने का प्रावधान बहुत मुश्किल है क्योंकि पूरा मामला कोर्ट के सामने नहीं आ रहा है। 20,000 से ज्यादा पन्ने अविश्वसनीय दस्तावेजों में रखे गए हैं यानी 20,000 कागजात ईडी छिपा रही है और कह रही है कि उन्हें उन पर भरोसा नहीं है। लेकिन पीएमएलए की धारा 15 के तहत यह उल्लेख है कि कोई भी गलत बयान नहीं दे सकता है। अगर आप झूठी गवाही देते हैं तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अगर ऐसे बयान हैं जो अविश्वसनीय हैं तो उन बयानों को देने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? अरविंद केजरीवाल का नाम लेने से पहले एक शख्स ने आठ बयान दर्ज कराए थे, लेकिन केजरीवाल का नाम लेते ही उसके झूठे बयानों पर कार्रवाई की बजाय उसे जमानत मिल गई।
उन्होंने कहा कि शरथ रेड्डी ने 12 बयान दिए। 10 नवंबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 15 नवंबर को उन्होंने चुनावी बांड के जरिए बीजेपी को 5 करोड़ और 50 करोड़ का फंड दिया। क्या 55 करोड़ रुपये की रिश्वत की जांच नहीं होगी? उन्होंने कहा कि हमें अपनी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि जब छुपे हुए बयानों को अदालत के सामने पेश किया जाएगा तो अरविंद केजरीवाल को राहत मिलेगी और यह झूठा मामला रद्द हो जाएगा। गवाहों को मार-पीट कर, डरा-धमका कर झूठे बयान लिए जाते हैं, यह रिकार्ड में है। गवाही छिपाई जा रही है, इसलिए एक दिन सत्य की विजय होगी और न्याय मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि अभी हमारे देश में ऐसी सरकार है जो संसद के अंदर सुप्रीम कोर्ट के जजों की संवैधानिक पीठ के फैसले को बदल देती है। आपको याद होगा कि पांच जजों ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया था। कुछ शक्तियां दिल्ली सरकार के पास होनी चाहिए, इसके बावजूद तानाशाह प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र और संविधान के पक्ष में दिल्ली के पक्ष में दिए गए फैसले को बदल दिया। जब मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया गया तो प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार ने कहा कि नहीं, हम खुद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करेंगे और संसद के अंदर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल दिया गया।
उन्होंने कहा कि जब ईडी और सीबीआई को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जांच करनी होती है तो वे ताकतवर हो जाते हैं और सब कुछ जानते हैं लेकिन जब बीजेपी की बात आती है तो वे कहते हैं कि हमें कुछ याद नहीं है, हमने कुछ नहीं देखा। यह जांच एजेंसियों का खुला दुरुपयोग है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। आम आदमी पार्टी के मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता हर सीट के साथ-साथ उन सभी सीटों और राज्यों पर पूरे दिल से प्रचार करेंगे जहां हम इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये 400 प्लस सिर्फ खोखला नारा है, और कुछ नहीं। मोदी घबरा रहे हैं और यह घबराहट इसलिए है क्योंकि उन्हें पता है कि वे हार रहे हैं।