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काले धन पर अंकुश: उत्तराखंड में आयकर विभाग की रणनीति

उत्तराखंड: आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर, आयकर विभाग ने उत्तराखंड में काले धन और बेहिसाबी नकदी के प्रवाह को रोकने के लिए एक बहुआयामी रणनीति तैयार की है। इस रणनीति में 100 अधिकारियों की एक टीम की तैनाती, 24/7 कंट्रोल रूम का संचालन, हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर निगरानी, और विशेष टीमों का गठन शामिल है।

रणनीति के मुख्य पहलू:

टीम: 100 अधिकारियों और कर्मचारियों की एक टीम का गठन किया गया है जो बेहिसाबी नकदी के लेनदेन पर नजर रखेगी और चुनाव संबंधी खर्चों की निगरानी करेगी।

कंट्रोल रूम: 24/7 संचालित होने वाला कंट्रोल रूम चुनाव गतिविधियों पर नजर रखेगा और संदिग्ध लेनदेन की सूचना देगा।

निगरानी: एयर इंटेलिजेंस यूनिट हवाई अड्डों पर निगरानी करेगी, जबकि रेलवे स्टेशनों और सीमा चौकियों पर विशेष टीमें तैनात की जाएंगी।

टीमें: बेहिसाबी नकदी को जब्त करने और कानूनी कार्रवाई करने के लिए प्रत्येक जिले में विशेष टीमें तैनात की जाएंगी।

नोडल अधिकारी: आयकर विभाग की जांच शाखा के अतिरिक्त निदेशक डॉ. टीएस मपवाल को चुनाव के लिए राज्य का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

रणनीति का उद्देश्य:

काले धन और बेहिसाबी नकदी के प्रवाह को रोकना।

चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना।

उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी खर्चों की निगरानी करना।

रणनीति का प्रभाव:

यह रणनीति चुनावी प्रक्रिया में काले धन के उपयोग को कम करने और चुनावों को अधिक स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

अतिरिक्त जानकारी:

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल को होंगे।

2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने राज्य की सभी पांच लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।

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