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लोकसभा चुनाव 2024 : राजनीतिक दलों पर रहेगी चुनाव आयोग की पैनी नजर

नफरती बयान, धार्मिक नफरत फैलाने और निजी जीवन पर टिप्पणी करने वाले दलों पर होगी कार्रवाई
खबर खास, चंडीगढ़ :
लोकसभा 2024 के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है। आज चुनाव आयोग ने दिल्ली में प्रेस वार्ता कर इसकी आधिकारिक घोषणा की। इसके साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने साफ शब्दों में राजनीतिक दलों को संदेश दिया कि उनपर आयोग की पैनी नजर रहेगी। उन्होंने साफ किया कि राजनीतिक दल चुनाव आयोग की गाईडलाईन अपने स्टार कैंपेनरों के संज्ञान में लाए। इस बार किसी ने नफरत भरा भाषण, निजी जिंदगी से जुड़े पहलुओं पर गलत बयानबाजी या फिर किसी ने धार्मिक नफरत फैलाने की बात कही तो कार्रवाई होगी।
चुनाव प्रक्रिया को विस्तार से समझाते हुए चुनाव आयुक्त ने चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष करवाने की बात कही। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है। 2024 दुनिया भर के लिए चुनावों का साल है। विश्व के सबसे बड़े और जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत पर सभी की निगाहें केंद्रित हैं। उन्होंने कहा कि हमारा वादा है कि हम चुनाव इस तरह से करवाएंगे जो देश की चमक बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि इस चुनाव के लिए हमने दो सालों तक तैयारी की है।
राजीव कुमार ने कहा कि हमारे पास 10.5 लाख मतदान केंद्र हैं, जिनकी जिम्मेदारी डेढ़ करोड़ लोगों के पास होती है। 55 लाख ईवीएम हैं। चुनाव आयोग अब तक 17 आम चुनाव और 400 से ज्यादा विधानसभा चुनाव करा चुका है। पिछले 11 चुनाव शांतिपूर्ण रहे हैं। अदालती मुकदमे कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल किया गया है ताकि बाद में कोई यह नहीं कहे कि हमें नहीं बताया गया। जिलाधिकारियों ने हर जिले में राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की हैं। उनकी आपत्तियों का निराकरण किया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव में हिंसा कोई स्थान नहीं होना चाहिए। इस बार नया प्रयोग किया जा रहा है। जो भी हमें सख्ती से करना होगा, हम करेंगे। हर जिले में एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। वहां टीवी, सोशल मीडिया, वेब कास्टिंग, 1950 हेल्पलाइन और शिकायत पोर्टल होगा। इस पर निगरानी के लिए हर जिले के ऐसे कंट्रोल रूम में एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। जहां भी शिकायत मिलेगी, वहां सख्त कार्रवाई होगी। जिन लोगों के पास गैर जमानती वॉरंट हैं और जो हिस्ट्रीशीटर्स हैं, उन पर देशभर में कार्रवाई की जा रही है। जो लोग तीन साल से किसी एक जिले में पदस्थ हैं, उन्हें बदलने को कहा गया है। जहां भी वॉलंटियर और अनुबंध पर लोग काम कर रहे हैं, उन्हें चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा। कुछ राज्यों में धन का उपयोग ज्यादा है। हम इससे भी निपट रहे हैं। पिछले 11 चुनाव में 3,400 करोड़ रुपये की नकदी के गैरकानूनी इस्तेमाल को रोका गया है। 2017-18 के मुकाबले 2022-23 में ऐसे धन की जब्ती में 835 फीसदी का इजाफा हुआ है। शराब, कैश, कुकर, साड़ी बांटने जैसे तरीकों को रोकने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। बैंक भी यह देखेंगे कि कहीं अचानक से नकदी की मांग में इजाफा तो नहीं हो रहा। हर बंदरगाहों, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, सड़क मार्ग पर सख्त निगरानी होगी। जहां हेलीकॉप्टर या चार्टर्ड उड़ानें उतरेंगी, वहां सामान की जांच होगी।
फेक न्यूज और अफवाहें फैलाने की आजादी नहीं
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग समेत किसी की भी आलोचना करने की पूर्ण स्वतंत्रता है, लेकिन फेक न्यूज, अफवाहें फैलाने की आजादी नहीं है। उन्होंने कहा कि हर राज्य के अधिकारियों को अधिकार दिया गया है वह आपत्तिजनक बयानों से जुड़ी पोस्ट हटाने को कह सकें। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर झूठ बनाम हकीकत नाम से शृंखला शुरू की जाएगी। मतदाताओं से भी अनुरोध है कि सोशल मीडिया पर जो भी आए, उसे आंख बंदकर आगे न बढ़ाएं। झूठ के बाजार में रौनक बहुत होती है।

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