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अकाली और कांग्रेस सरकारों ने सोची समझी साजिश के तहत पंजाब की सरकारी संस्थाएं की तबाह

मोहाली में बोले मुख्यमंत्री भगवंत मान
कहा, पंजाब सरकार अब स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र में सरकारी संस्थाओं को दे रही प्राथमिकता
विरोधी पार्टियों ने परिवारवाद को तो हमने पंजाब को दी प्राथमिकता
केंद्र पर लगाया जानबुझ कर गैर-भाजपा राज्य सरकारों के फंड रोकने का आरोप
खबर खास, साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) :
राज्य की सरकारी संस्थाओं की बदहाली के लिए अकाली और कांग्रेसी सरकारों को सीधे तौर पर ज़िम्मेदार ठहराते हुये मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार अब सरकारी संस्थाओं में अव्वल दर्जे की सहूलियतें प्रदान कर रही है जिससे पंजाब का कोई भी व्यक्ति सरकारी सहूलतों का लाभ लेने से वंचित न रहे। आज यहां ‘पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसज़’ लोगों को समर्पित करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधन करते हुये कहा कि पिछली सरकारों के मौके पर राजनीतिज्ञ प्राईवेट संस्थाओं के कारोबार में से हिस्सेदारी लेते थे और इसके एवज़ में सरकारी संस्थाओं को बिल्कुल ही अनदेखा कर देते थे।राज्य में अब सरकारी संस्थाओं की बेहतरी के लिए उठाये जा रहे कदमों का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने मिसाल के तौर पर बताया कि मोहाली में आज लोगों को समर्पित किया गया पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसज़ देश की दूसरी और पंजाब की पहली प्रतिष्ठित संस्था है जिसके पास इतनी आधुनिक मशीनें हैं कि किसी प्राईवेट अस्पताल के पास भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में 45 जच्चा- बच्चा देखभाल केंद्र स्थापित कर रही है जिनमें से 37 लोगों को समर्पित किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 664 आम आदमी क्लीनिक स्थापित किये गए हैं जहां इलाज बिल्कुल मुफ़्त है और यह बहुत संतोष की बात है कि अब तक एक करोड़ से अधिक लोग इलाज करवा चुके हैं।
पिछली सरकारों के हितोत्साहित करने वाले सिस्टम से नाराज़ हो चुके विदेश जाने वाले नौजवानों की ‘ वतन वापसी’ (रिवर्स माईगर्रेशन) की मिसाल देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने दो सालों में 40,000 से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ दीं हैं जो पंजाब के इतिहास में रिकार्ड है। उन्होंने कहा कि यह नौकरियाँ हासिल करने वालों में वह नौजवान भी शामिल हैं जो विदेश में से वापस आकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों के लिए रोज़गार के बड़े मौके पैदा करने के लिए राज्य में अधिक से अधिक निवेश लाने के यत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो सालों में 70,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हो चुका है जिससे तीन लाख नौजवानों को रोज़गार मिलेगा।शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों का ज़िक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 117 ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ स्थापित किये गए हैं जहाँ बच्चों को विश्व स्तर की शिक्षा मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि अब गरीब से गरीब बच्चा भी ज़िंदगी के बड़े स्थान हासिल करने का स्वप्न ले सकता है क्योंकि इन स्कूलों में विद्यार्थियों को मनचाहे उद्देश्य पूरे करने की शिक्षा दी जा रही है।
भगवंत सिंह मान ने कहा, “मैं पूरी ज़िम्मेदारी के साथ कह सकता हूँ कि अब पंजाब की आबो-हवा बदल चुकी है जहाँ निराशावादी नहीं बल्कि आशावादी गतिविधियां हो रही हैं। नौजवानों को नियुक्ति पत्र देने के लिए समागम, नये स्कूलों और अस्पतालों समेत बड़े प्रोजेक्टों के उद्घाटन, खेडां वतन पंजाब दीयां जैसे प्रयास किये जा रहे हैं। अब हरेक पंजाबी गर्व के साथ कह सकता है कि पंजाब सरकार उसके भले के लिये दिन-रात काम कर रही है।“
मुख्यमंत्री ने विरोधियों की तरफ से उनकी की जा रही अलोचना पर व्यंग्य करते हुये कहा, “वास्तव में अकालियों और कांग्रेसियों की आपस में सांझ-हिस्सेदारी थी जो बारो-बारी सत्ता का सुख भोगते थे परन्तु इनको यह नहीं था पता कि राज्य में तीसरा पक्ष भी आ सकता है। अब पंजाबियों ने आम आदमी पार्टी की सरकार बना कर इनको सत्ता से किनारा कर दिया। अब जब सरकार लोगों की भलाई के लिए बड़े फ़ैसले ले रही है तो बौखलाहट में आकर विरोधी नेता बिना वजह निंदा करनी शुरू कर देते हैं। मैं इन लोगों की जरा भी परवाह नहीं करता क्योंकि मेरा मकसद सिर्फ़ और सिर्फ़ लोगों की सेवा करना है।“
मुख्यमंत्री ने अकाली नेता हरसिमरत बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया, और कांग्रेसी नेता प्रताप सिंह बाजवा, अमरिन्दर सिंह राजा वड़िंग और नवजोत सिद्धू को पंजाबी भाषा के नालायक राजनीतिज्ञ बताते हुये इनको पंजाबी भाषा की लिखित परीक्षा पास करने की चुनौती दी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह नेता कान्वेंट स्कूलों से पढ़े हुए हैं जिस कारण यह पंजाबी भाषा की परीक्षा पास ही नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि वह इन नेताओं को सवालों के जवाब भी बता दें तो भी वह उत्तर सही नहीं लिख सकते।
आम आदमी पार्टी के विधायकों का ज़िक्र करते हुये भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब में 117 विधान सभा हलकों में से 92 विधायक आम आदमी पार्टी जीत कर आए हैं जो साधारण घरों से सम्बन्ध रखते हैं। इन 92 विधायकों में से उनके सहित 82 विधायक पहली बार विधायक बने हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में लोग सेवा के प्रति समर्पण भावना को योग्यता माना जाता है जबकि विरोधी पार्टियों में परिवारवाद और निजता को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों में डाक्टर, वकील, समाज सेवीं और अन्य क्षेत्र की सम्मानीय शख़्सियतें शामिल हैं।
केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के फंड रोकने की सख़्त आलोचना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ग़ैर-भाजपा राज्य सरकारों के साथ नफ़रत और भेदभाव करती है जिस कारण पंजाब की तरह दिल्ली, केरला, पश्चिमी बंगाल, तमिलनाडु जैसे राज्य अपने फंड लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए मजूबर हैं।
इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाक्टर बलबीर सिंह और सांस्कृतिक मामलें और पर्यटन मंत्री अनमोल गगन मान भी उपस्थित थे।’हम कांग्रेस सरकार की नाकामी को सिर्फ जनता के बीच लेकर गए, बाकी हमारा कोई रोल नहीं’

 

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