Monday , May 20 2024

फिर बेनतीजा रही एसवाईएल विवाद पर पंजाब और हरियाणा की बैठक

हमारे पास देने को पानी की एक बूंद नहीं, पंजाब का अधिकतर इलाका डार्क जोन में, बोले मान

खबर खास, चंडीगढ़ :

सतलुज-यमुना लिंक नहर यानि एसवाईएल विवाद पर आज चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत की अध्यक्षता में हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों के बीच हुई बैठक बिना किसी नतीजे के संपन्न हो गई। लगभग सवा घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में दोनों ही राज्य अपने पुराने रूख पर कायम रहे।

बैठक खत्म होने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हम अपने पुराने रूख पर कायम है। पंजाब के पास देने के अतिरिक्त पानी नहीं है। लेकिन हम हरियाणा को यमुना से पानी देने का भी एतराज नहीं करते है। मान ने कहा कि सतलुज अब नाला बनकर रह गया है। पंजाब का 70 फीसद इलाका डॉर्क जोन में चला गया है। उन्होंने कहा कि पानी काफी गहराई में चला गया है है तो ऐसे में अधिक क्षमता वाली मोटरों का प्रयोग करना पड़ रहा है।

उल्लेखनीय है कि एसवाईएल विवाद पर अब तक दोनों राज्यों में दो बैठकें हो चुकी हैं और दोनों ही बेनतीजा रहीं थी।

यह कहा पंजाब के सीएम ने

मान ने कहा कि पंजाब अपने ग्राउंड वाटर को बचाने का प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में पुराने नाले और रजवाहों को संवारा जा रहा है। नए डैम बनाए जा रहे हैं ताकि हम अपनी जरूरतों को पूरा कर सके। उन्होंने कहा कि पंजाब को 52 एमएफ पानी चाहिए लेकिन प्रदेश में मात्र 14 एमएफ पानी रह गया है तो पंजाब पानी न हीं दे सकता। उन्होंने कहा ऐसे में पंजाब में नहर बनाने का कोई फायदा नहीं है।हालांकि मुख्यमंत्री पंजाब ने साफ किया कि चार जनवरी को होने वाली सुनवाई में ह अपना पक्ष रखेंगे।

गौर रहे कि हरियाणा के मुख्यमंत्री कहते रहे हैं कि एसवाईएल के निर्माण का राज्यों के बीच जल बंटवारे से कोई लेना देना नहीं है। उनका कहना है कि पानी नहीं, हमारा नहर बनाने पर जोर रहेगा। खट्‌टर कहते आए हैं कि पानी के बंटवारे का विवाद अलग है जो प्राधिकरण हल करेगा।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में हरियाणा सरकार ने कहा था कि यह विवाद दो दशक से उलझा हुआ है और पंजाब सरकार नहीं चाहती कि इसका हल निकले। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कहा कि पंजाब की ओर से एसवाईएल नहर की मौजूदा स्थिति का सर्वे प्रक्रिया शुरू की जाए जिसमें यह देखा जाएगा कि कितनी जमीन है और कितनी नहर बनी हुई है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे के लिए केंद्र से आने वाले अधिकारियों को पंजाब सरकार को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है। राजस्थान सरकार ने भी कहा कि पंजाब सरकार का रुख इस दिशा में आगे बढ़ने जैसा नहीं लग रहा है।

 

The post फिर बेनतीजा रही एसवाईएल विवाद पर पंजाब और हरियाणा की बैठक first appeared on .