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पंजाब में पानी के गिरते स्तर को लेकर चंडीगढ़ में आंदोलन करेंगे किसान संगठन

चंडीगढ़ :किसान संगठनों ने 18 जनवरी से चंडीगढ़ में आंदोलन का ऐलान किया है। यह किसान संगठन पंजाब में गिरते पानी के स्तर को लेकर प्रदर्शन करेंगे। आठ जनवरी को किसान चंडीगढ़ के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और पंजाब के गांवों में इस आंदोलन को लेकर एक लाख पोस्टर वितरित करेंगे। किसान संगठन पानी के साथ चंडीगढ़ के फेडरल स्ट्रक्चर के मुद्दे को भी उठाएंगे। इन किसान संगठनों का आरोप है कि केंद्र सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर पंजाब का पानी दूसरे प्रदेशों में भेजने का दबाव बना रही है।

आज, शनिवार को चंडीगढ़ के किसान भवन में पांच किसान संगठनों की बैठक हुई। जिसमें भारतीय किसान यूनियन की तरफ से बलवीर सिंह राजेवाल, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन की तरफ से प्रेम सिंह, किसान संघर्ष कमेटी की तरफ से कमलप्रीत पन्नू, भारतीय किसान यूनियन मानसा की तरफ से भोग सिंह और आजाद किसान संघर्ष कमेटी की तरफ से हरजिंदर सिंह टांडा के साथ कई अन्य किसान नेताओं ने हिस्सा लिया। इस बैठक में आंदोलन के लिए की जाने वाली तैयारियों पर चर्चा की गई है। अब दोबारा तैयारियों की समीक्षा को लेकर इन पांचों किसान संगठनों की 28 दिसंबर को बैठक होगी।

किसान संगठनों ने कहा कि इस बार वह चंडीगढ़ की सीमा मोहाली में प्रदर्शन नहीं करेंगे। क्योंकि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है इसलिए इस बार यह प्रदर्शन चंडीगढ़ में होगा। लेकिन यदि चंडीगढ़ प्रशासन उन्हें ऐसा करने से रोकता है तो यह उनके अधिकारों के खिलाफ है। चंडीगढ़ में प्रदर्शन कहां पर किया जाएगा, यह 8 जनवरी को चंडीगढ़ के अधिकारियों के साथ मुलाकात के बाद तय किया जाएगा।

किसानों का यह भी आरोप है कि पंजाब सरकार ने जो गन्ने की कीमत बढ़ाई है वह कम है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में पंजाब सरकार ने सबसे ज्यादा कीमत तय की है लेकिन गन्ने की फसल की लागत पंजाब में सबसे ज्यादा है। इसका भी किसानों की तरफ से विरोध किया जा रहा है।

बैठक के बाद किसान नेता कमलजीत पन्नू ने कहा कि केंद्र सरकार ने बीते दिनों कई उद्योगपतियों के कर्ज माफ किए हैं। लेकिन किसान पूरे देश का पेट भरता है और वह किसानों के कर्ज की माफी की मांग नहीं करते क्योंकि इसमें मांगने जैसा कुछ नहीं है। सरकार को यह कर्जे खत्म कर देने चाहिए। फसलों का उचित मूल्य न मिलने के कारण किसानों के सिर पर कर्जा होता है। इसके बाद वह खुदकुशी करते हैं।

एसवाईएल मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री शेखावत की बैठक का विरोध करेंगे किसान संगठन

किसान संगठनों का कहना है कि वह केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ एसवाईएल मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के साथ होने जा रही बैठक का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब के पास खुद के लिए ही पानी नहीं है तो ऐसे में पंजाब कैसे किसी दूसरे राज्य को पानी दे सकते

 

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