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तेंदुए की दहशत के चलते जागने की मजबूर काशीपुर के लोग, आख़िर कब मिलेगी तेंदुए के ख़ौफ़ से निजात

जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर में इन दिनों अलग-अलग क्षेत्रों से तेंदुए के होने की सूचनाएं मिल रही हैं सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच जाती है पर किसी जगह तेंदुए होने का कोई भी प्रमाण नहीं मिल पाता, वन विभाग टीम द्वारा तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगा दिए गए हैं।
पर काशीपुर के वन विभाग की हालत सूट बूट पहने फकीर से कम नहीं है जी हां हम ऐसा इसलिए बोल रहे हैं कि काशीपुर में टाइगर रेस्क्यू के लिए एक ही टीम है जिसमें गिने-चुने ही लोग हैं उसी टीम को रात में गश्त करनी है उसी टीम को गश्त के दौरान तेंदुआ होने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचना है रात भर जागने के बाद ऑफिस के काम में निपटाने हैं और सूचना मिलने का फिर से तुरंत जाने के लिए संघर्ष करना है दरअसल संघर्ष ही कहिए क्योंकि वन विभाग के पास जो वाहन है वह कहीं पर भी अपना दम तोड़ देता है और घंटों की मशक्कत के बाद वहन को फिर से ठीक करके सूचना मिली जगह पर जाना पड़ता है, और जब तक अपनी उम्र से ज्यादा चली गाड़ी से पहुंचते हैं।

जब तक तेंदुआ अपनी जगह से कई किलोमीटर की दूरी कर लेता है,ऑफिसों में बैठकर उच्च स्तरीय अधिकारी क्षेत्रीय अधिकारियों को आदेश तो दे देते हैं लेकिन आदेश देने से पहले यह नहीं सोचते कि वह आदेश का पालन कैसे करेंगे और वन विभाग की टीम कैसे तेंदुए के आतंक से लोगों को निजात दिलाएगी वहां छोड़िए आप ने पिछले दिनों भी एक वीडियो वायरल होते हुए देखी थी जिसमें तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया था और तेंदुआ पिंजरे में फंस भी गया था कुछ समय बाद तेंदुए पिंजरे से निकलकर फरार भी हो गया पिंजरे की हालत ही कुछ ऐसी थी, कि तेंदुए की ताकत के सामने पिंजरा टिक नहीं पाया, जिसका सारा दोष वन विभाग की टीम को दे दिया गया, असल में उपकरण और वाहनों की जिम्मेदारी उच्च स्तरीय अधिकारी को सरकार से लेने की है, लेकिन इस ओर कोई भी ध्यान नहीं देता खाली हाथ पैरों पर योद्धाओं को मैदान में लड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है, फिलहाल जब तक सरकार वन विभाग की ओर ध्यान नहीं देती जब तक जिम्मेदार अधिकारियों को भी काशीपुर में अब वन विभाग की टीम को बढ़ा देना चाहिए और वाहनों को भी ताकि तेंदुए के होने की सूचना मिलते ही गठित की टीमें तत्काल मौके पर पहुंच जाएं।

लेकिन तेंदुए के आतंक से निजात दिलाने के लिए सिर्फ वन विभाग के प्रयास ही काफी नहीं है , इसमें स्थानीय लोगों के साथ साथ जनप्रतिनिधि और अन्य विभागों के सहयोग भी जरूरी है, बरसातों का मौसम है तेंदुए का आतंक है, जहां भी तेंदुआ होने की सूचना मिली है वहां अधिकांश आसपास खाली पड़ी जमीनों पर बड़ी बड़ी झाड़ियां घासे उगाई हैं जिसमें तेंदुए को आराम से छुपने की जगह मिल जाती है , नगर निगम पार्षदों, प्रधानों को अपने क्षेत्र का मुआयना कर सफाई कर्मचारियों से अपने क्षेत्र की अच्छे से साफ सफाई करें जिसमें स्थानीय लोगों को भी अपने आसपास हो रही झाड़ियां घासे साफ कराने में मदद करनी होगी।